रिश्वत के आरोप में पहले से ही फंसे एक आरटीओ अधिकारी को अपना केस सेटल करवाने का जुगाड़ उस समय महंगा पड़ गया जब विजिलेंस टीम को 10 लाख की रिश्वत देते हुए उसे एक बार फिर रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है|ऊना जिला में विजिलेंस टीम की बड़ी कार्रवाई सामने आई है।
गौरतलब है कि नालागढ़ के आरटीओ ओम प्रकाश पुरी जिनके ऊपर पिछले दिनों विजिलेंस ऊना के दफ्तर में रिश्वत लेने के मामले में केस दर्ज किया था। मिली जानकारी मुताबिक आरोपी ने बिजलेंस टीम को अपने खिलाफ दर्ज मामले की जांच में ढील बरतने व आय से अधिक संपत्ति के मामले की जांच न करने के लिए विजिलेंस टीम को 10 लाख रिश्वत देने का ऑफर दिया। जिसके बाद मंगलवार को एक बार फिर विजिलेंस की टीम ने मैहतपुर में उन्हें 10 लाख रुपए के साथ ट्रैप किया। विजिलेंस टीम ने आरोपी को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 8 तथा 12 के तहत मामला दर्ज कर लिया है बुधवार को आरोपी को फिर से अदालत में पेश किया जाएगा।
बता दें कि आरटीओ नालागढ़ ओम प्रकाश पुरी जिनके पास ऊना का अतिरिक्त कार्यभार था| ऊना आरटीओ ऑफिस में आरटीओ द्वारा पैसों का लेन देन करते एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ था। 28 फरवरी को शिकायत मिलने के बाद विजिलेंस ने एफआईआर दर्ज की। एफआईआर दर्ज करने के बाद विजिलेंस ऊना की टीम ने आरोपी आरटीओ को गिरफ्तार करने के लिए उनके आवास बालूगंज शिमला में दबिश दी, लेकिन वह वहां पर नहीं मिले।
आरटीओ का मोबाइल नंबर भी स्विच ऑफ आ रहा। लेकिन बाद में बिजलेंस टीम ने दबिस देकर आरोपी को गिरफ्तार कर भ्रष्टाचार रोधी अधिनियम 2018 की धारा 7 और 8 व आईपीसी की धारा 120बी के तहत मामला दर्ज किया है। बताया जा रहा है कि आरोपी के खिलाफ सोशल मीडिया में वायरल वीडियो क्लिप कुछ मिनट की है, जबकि विजिलेंस के पास पहुंची वीडियो रिकॉर्डिंग करीब तीन घंटे की बताई जा रही है।