पांवटा साहिब : सरकारी हॉस्पिटल में सुविधाए ना होने से मरीजो को हो रही परेशानी निजी होस्पिटल बने लूट का अड्डा

 

(जसवीर सिंह हंस )  गुरु की नगरी का सिविल अस्पताल खुद बीमार पड़ गया है। मूलभूत सुविधाएं   उपलब्ध ना होने से निजी क्लीनिक चांदी कूट रहे हैं। दरअसल डिजिटल एक्स-रे व अल्ट्रा साउंड न होने की वजह से निजी क्लीनिकों को चांदी कूटने का मौका मिल रहा है। मनमानी फीस वसूली जा रही है। यहां तक की गर्भवती महिलाओं को भी अल्ट्रासाउंड के लिए निजी अस्पतालों में जाना पड़ रहा है।सिविल अस्पताल पांवटा साहिब में पिछले सात साल से रेडियोलॉजिस्ट के आभाव से अल्ट्रासाउंड मशीन धूल फांक रही है। जिससे गर्भवती महिलाओं को बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

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एक अल्ट्रासाउंड की एवज में करीब आठ सो रुपए वसूले जा रहे हैं। निजी अस्पतालों में सुबह होते ही मरीजों की लाइनें लगनी शुरू हो जाती हैं। वही अल्ट्रा साउंड भी  रेडियोलॉजिस्ट के न होने के कारण बंद पड़ा है । कई बार धरने प्रदर्शन होने के बावजूद अब तक किसी रेडियोलॉजिस्ट की स्थाई नियुक्ति नहीं हो सकती है

गौर हो की पांवटा साहिब सिविल अस्पताल में सिरमौर के चार विधानसभा क्षेत्र पांवटा साहिब, शिलाई, नाहन व रेणुका जी के साथ साथ पड़ोसी राज्य उत्तराखंड व हरियाणा के सैकड़ों लोग सिविल अस्पताल में उपचार करवाने आते है जिसमें गर्भवती महिलाओं की अधिक संख्या होती है।

जिसको देखते हुये 8 वर्ष पहले प्रदेश सरकार ने गर्भवती महिलाओं की सुविधा के लिये अस्पताल में करोड़ो रूपये की लागत से अल्ट्रासाऊंड मशीन लगाई थी तथा महिलाओं के निशुल्क अल्ट्रासाऊंड किये जा रहे थे। लेकिन चार साल पहले सिविल अस्पताल पांवटा साहिब के रेडियोलॉजिस्ट का तबादला हो गया था। जिसके बाद से पांवटा साहिब अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट का पद खाली होने के कारण करोड़ों रूपये की लागत से लगी अल्ट्रासाऊंड मशीन धूल फांक रही है। जिससे  क्षेत्र के गरीब लोगों को निजी अस्पतालों में 800 रूपये खर्च कर अल्ट्रासाऊंड करना पड़ रहा है।

जानकारी के अनुसार पांवटा साहिब के सिविल अस्पताल पर न केवल आस पास के चार विधानसभा क्षेत्रों के लोग निर्भर करते है बल्कि साथ लगते पड़ोसी राज्य उत्तराखंड व हरियाणा की कई बस्तियों के लोग भी इसी अस्पताल पर निर्भर है। अस्पताल में प्रतिदिन 900 ओपीडी है जिसमें बड़ी संख्या गर्भवती महिलाओं की है। जोकि रेडियोलॉजिस्ट के आभाव में निजी अस्पतालों में लूटने को मजबूर है। वही डॉक्टरों की कमिशन फिक्स होने के कारण गरीबों को महंगे अल्ट्रासाउंड करवाने पढ़ रहे हैं वही कमीशन के चक्कर में कुछ डॉक्टर खुश है कि यहां पर रेडियोलॉजिस्ट की तैनाती ना हो सके वही हल्के से पेट दर्द में भी अल्ट्रासाउंड करवाने के लिए डॉक्टर लिख देता है क्योंकि हर अल्ट्रासाउंड पर डॉक्टर की कमीशन फिक्स है

पांवटा साहिब के हॉस्पिटल मे तेनात एक डॉक्टर जो अपने आप को बड़ा गायनी का डॉक्टर बताते  है बिलकुल समय पर या तो सर्जरी बता देते  है लेमन हॉस्पिटल जाने की सलाह देते  है जैसे लेमन हॉस्पिटल में उसकी कोई सेटिंग हो | यहाँ तक की अल्ट्रासाउंड के लिए भी एक खास नर्सिंग होम का नाम लिखा जाता है | यदि पर्ची देखी जाये तो एक खास कम्पनी की दवाई ही लिखी जाती है | इस विषय पर स्वास्थ्य निदेशक तक तक शिकायत जा चुकी है | बताया जा रहा है कि इस डॉक्टर ने कमीशन के जोर पर शहर तथा चंडीगढ़ मोहाली में भी अवैध संपत्ति इकट्ठी कर ली है तथा इस पर विजिलेंस की भी तिरछी नजर है

पांवटा साहिब ने निजी हॉस्पिटल व क्लीनिक ने इस कदर लूट मचाई हुई है कि जख्म पर एक पट्टी करने के भी 500 रुपए लेते है व बात करने पर खर्चे गिनवा देते है | इस मुददे पर गरीब आदमी मज़बूरी में कुछ बोल भी नहीं सकता वहीँ अधिकारी इस मामले पर सरकार को लिख दिया है कहकर अपना पल्ला झाड़ लेते है | वही निजी अस्पताल व क्लीनिक गरीबो को लुटने में लगे हुए है व अधिकारी उनपर कोई कारेवाही करने के नाम पर कन्नी काट जाते है |

 

 

 

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