सोलन : नम आखों के बीच आकांक्ष का अंतिम संस्कार , कोई नहीं रोक पाया आंसू

(जसवीर सिंह हंस )सी.एम. वीरभद्र सिंह की पत्नी के  भतीजे आकांक्ष का शव उनके पैतृक गांव कुठाड़ लाया गया तो पूरे गांव में माहौल गमगीन हो गया। इस दौरान गांव के हर व्यक्ति की आंखें नम थीं। गांव के श्मशानघाट में आकांक्ष का अंतिम संस्कार किया गया। आकांक्ष की अंतिम यात्रा में कोई आंसू रोक नहीं पाया। आकांक्ष के अंतिम संस्कार के दौरान सी.एम. वीरभद्र सिंह, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री धनीराम शांडिल व भवन एवं अन्य निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष बावा हरदीप सिंह सहित सैंकड़ों लोग मौजूद रहे। बता दें कि बीते वीरवार को दो लोगों ने बी.एम.डब्ल्यू. कार से पहले आकांक्ष को सड़क पर घसीटा और फिर उसके बाद उसे गाड़ी से कुचल दिया।


बचपन से ही काफी होनहार था आकांक्ष
सी.एम. वीरभद्र के साले और कुठाड़ रियासत के वंशज अरुण सेन का छोटा बेटा आकांक्ष बचपन से ही काफी होनहार था। वर्ष 2006 में वह हैड ब्वॉय रहा। अंग्रेजी में उसकी बेहतरीन पकड़ थी। वाद-विवाद प्रतियोगिता में उसका कोई मुकाबला नहीं था। आकांक्ष ने जमा दो की पढ़ाई सी.बी.एस.ई. बोर्ड से 96 फीसदी अंकों के साथ उत्तीर्ण की थी। इसके बाद दिल्ली के श्रीराम कॉलेज में उच्च शिक्षा ग्रहण की। बता दें कि अरुण सेन के बड़े बेटे सिद्धार्थ सेन का पहले ही एक सड़क हादसे में देहांत हो चुका है। अब घर के इस आखिरी चिराग की मौत के बाद पूरा परिवार सदमे में है।

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