आप ने पर्यावरण को बचाने के लिए पहाड़ों और खाली पड़ी जमीन में पौधा रोपण होते हुए देखा होगा | लेकिन सोलन के टैंक रोड़ पर ,पर्यावरण को बचाने के लिए नहीं बल्कि, जिला प्रशासन और नगर परिषद की आँखे खोलने के लिए पौधा रोपण किया गया और यह पौधा रोपण सड़क के बीचो बीच पड़े बड़े बड़े खड्डों में किया गया ताकि नगर परिषद शर्मिंदा हो कर कई महीनों से पड़े इन खड्डों को भरे और टैंक रोड़ तथा फारेस्ट रोड़ वासियों की परेशानी को समझे और उनकी कोई सुध ले |
इस मौके पर क्षेत्र वासियों ने सड़क में पौधा रोपण करते हुए कहा कि वह सडकों की दुर्दशा के बारे में कई बार पार्षदों और जिला प्रशासन को सूचित कर चुके है लेकिन जिला प्रशासन उनकी कोई सुध नहीं ले रहा है | इस लिए उन्होंने सोचा की सड़क पर न तो वह न पैदल चल पा रहे है और न ही वाहन चला पा रहे है इस लिए क्यों न सड़क में पड़े बड़े बड़े खड्डों में पौधा रोपन ही कर दें ताकि नगर परिषद को उनकी कुम्भकरनी नींद से जगाया जा सके | साथ में यह चेतावनी भी दी है कि अगर जिला प्रशासन फिर भी नहीं जागा तो वह सड़क पर पौधे रोप कर सड़क को हमेशा की लिए ही बंद कर देंगे | उन्होंने यह भी कहा कि सडकों में पड़े खड्डों की वजह से जहाँ एक और उनकी लाखों की गाड़ियाँ कबाड़ हो चुके है वहीँ साथ में रोज़ दुर्घटनाए भी हो रही है |
आप को बता दें कि सोलन शहर में टैंक रोड़ ,सेरी रोड़ , डमरोग रोड़ ,सपरून गुरुद्वारा रोड़ ,जौणाजी रोड़ , मिनी सचिवालय रोड़ ,देउँ घाट रोड़ ,सुबाथू रोड़ के ईलावा भी ऐसे बहुत सी सड़के ऐसी हैं जिनकी हालत बेहद खस्ता है | लेकिन क्या प्रत्येक रोड़ पर इस तरह के धरने प्रदर्शन होंगे तभी प्रशासन अपनी नींद से जागेगा या खुद ही वह अपने दायित्वों का निर्वाहन करेगा यह सवाल आज सभी जिला वासियों के जहन में है