सिरमौर जिला मुख्यालय नाहन स्थित मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी डॉ. आबीरा बासु की अदालत ने वीरवार को शराब तस्करी के मामले में दोषी को पांच साल की सजा व एक लाख 55 हजार पांच सौ की सजा सुनाई है। जुर्माना न अदा की एवज में दोषी को अतिरिक्त सजा भुगतानी होगी।
सहायक जिला न्यायवादी रुमिंद्र बैंस ने जानकारी देते हुये बताया कि पुलिस ने 22 सितंबर 2012 को हरियाणा की ओर से हिमाचल में प्रवेश कर रहे एक ट्रक यूपी-17ए- 4658 को चैकिंग के लिए रोका था। चैकिंग के दौरान ट्रक चालक नरेश कु मार पुत्र राम प्रसाद निवासी गांव कैलाशपुर सैक्टर 16, सोनीपत हरियाणा घबरा गया।
ट्रक की जांच करने पर ट्रक में फिड के क ट्टों के पीछे छिपाकर रखी गई शराब की पेटियां बरामद की गई। फिड़ के कट्टों में भी दोषी ने पुलिस को चकमा देने के लिए तूड़ी भरी थी। पुलिस ने विभिन्न ब्रांड की अंग्रेजी शराब 525 पेटियां फोर सेल चंडीगढ़ ओनली बरामद की। इसके बाद पुलिस ने आरोपी को गिर$फतार कर ट्रक को शराब की खेप सहित कब्जे में ले लिया। जांच करने पर ट्रक का नंबर भी फर्जी पाया गया। आरएलए बागपत यूपी के रिकार्ड में यूपी-17ए- 4658 नंबर मोटर साइकिल का पाया गया। ट्रक का असली नंबर एचआर 61- 4757 पाया गया, जो कि आरटीओ भिवानी में रजिस्टर्ड है।
पुलिस ने छानबीन कर मामला कोर्ट में पेश किया। सीजेएम डॉ. आबीरा बासु की अदालत ने मुकदमें में तमाम दलीलें व गवाहों का पक्ष सुनने के बाद नरेश कुमार को शराब की तस्करी में दोषी पाया। दोषी को विभिन्न धाराओं के तहत 5 साल के कारावास की सजा सुनाई गई। साथ ही दोषी को 1 लाख 55 हजार 5 सौ रुपए जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई गई। जुर्माना अदा न करने पर दोषी को अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।