राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर आज सिरमौर प्रेस क्लब नाहन में जिला लोक संपर्क अधिकारी कार्यालय सिरमौर द्वारा कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें क्षेत्र के पत्रकारों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया। इस अवसर पर सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा निर्धारित विषय प्रेस का बदलता स्वरूप पर वार्ता की गई।
इस कार्यक्रम के दौरान एसडीएम नाहन राजीव सांख्यान ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत करते हुए कहा कि प्रेस को राष्ट्र के चैथे स्तंभ के रूप में जाना जाता है और राष्ट्र निर्माण में प्रेस की अहम भूमिका रहती है क्योंकि प्रेस के माध्यम से आमजन की बहुत सी समस्याएं सरकार तथा प्रशासन के समक्ष रखी जाती हैं जिससे उनका निराकरण भी सुनिश्चित होता है।
उन्होंने कहा कि आज के इस बदलते स्वरूप में प्रेस में भी बहुत से परिवर्तन देखने को मिलते हैं। उन्होंने कहा कि हमारी पीढ़ी वो है जिसने पोस्ट कार्ड से लेकर जीपीए तक का सफर तय किया है । उन्होंने कहा कि हमारी पीढ़ी ने जितने बदलाव देखे हैं शायद ही अन्य किसी पीढ़ी को देखने मिले, वक्त के साथ प्रेस के स्वरूप में भी बहुत से बदलाव हुए हैं आज अखबार से लेकर सोशल मीडिया तक सभी प्रभावी ढंग से क्षेत्र की जानकारियां उपलब्ध करवा रहे हैं।
इस अवसर पर जिला लोक संपर्क अधिकारी ममता नेगी ने मुख्यातिथि को टोपी व शाल भेंट कर सम्मानित किया तथा मौजूद प्रेस कर्मियों का अभिनंदन करते हुए कहा कि राष्ट्रीय प्रेस दिवस का दिन स्वतंत्र और जिम्मेदार प्रेस का प्रतीक है। इसी उद्देश्य से भारतीय प्रेस परिषद की स्थापना 16 नवंबर, 1966 को की गई। यह वह दिन था जिस दिन भारतीय प्रेस परिषद ने नैतिक प्रहरी के रूप में काम करना शुरू किया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि प्रेस उच्च मानकों को बनाए रखने के साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जा सके कि यह किसी भी बाहरी कारकों के प्रभाव या खतरों से बाधित न हो।
उन्होंने कहा कि स्वतंत्र प्रेस मजबूत लोकतंत्र के चार स्तंभों में से एक है या यूं कहे कि विभिन्न मीडिया हाउस जिसमें प्रिंट और प्रसारण में काम करने वाले पत्रकार दर्पण के रूप में कार्य करते है, जिनकी लेखनी समाज के विभिन्न पहलुओं को पूरी सच्चाई के साथ दर्शाती है। उन्होंने कहा कि प्रेस एकमात्र माध्यम है, जो उपलब्धियों के साथ-साथ आम जन की समस्याओं को भी उजागर करती है।इस अवसर पर सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा निर्धारित विषय प्रेस का बदलता स्वरूप पर शैलेन्द्र कालरा, सूरत पुंडीर, सतीश शर्मा ने बतौर वक्ता अपने विचार रखे साथ ही अन्य पत्रकारों ने भी इस विषय पर विस्तृत चर्चा की।