संगीत उल्लास एवं सकारात्मकता का प्रतीक , संगीत के राग एवं रोग निवारण में सीधा संबंध

 

( जसवीर सिंह हंस ) सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा सहकारिता मंत्री डॉ. राजीव सैजल ने कहा कि संगीत उल्लास एवं सकारात्मकता का प्रतीक है तथा संगीत की नियमित साधना विश्व के लिए कल्याणकारी सिद्ध हुई है। डॉ. सैजल आज यहां गुरू शिष्य परंपरा एवं शास्त्रीय संगीत संस्थान सोलन द्वारा आयोजित दो दिवसीय शास्त्रीय संगीत सम्मेलन के समापन समारोह की अध्यक्षता कर रहे थे।

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डॉ. सैजल ने कहा कि हमारे देश में संगीत की परंपरा अत्यंत प्राचीन है और ऐसी मान्यता है कि पृथ्वी पर जीवन के साथ ही ध्वनि की उत्पत्ति हुई। ध्वनि से शब्द बनेे और प्रकृति के सान्निध्य में मनुष्य ने इन ध्वनियों को संगीतमय रूप दिया। उन्होंने कहा कि हमारे ऋषि-मुनि अपने शोध के द्वारा आरंभ से यह जानते थे कि संगीत के राग एवं रोग निवारण में सीधा संबंध है। वे विभिन्न संगीत ध्वनियों के माध्यम से जटिल से जटिल रोगों को ठीक किया करते थे। आयुर्वेद भी रोग निवारण में संगीत के महत्व की पुष्टि करता है।

उन्होंने कहा कि विज्ञान ने अब यह सिद्ध कर दिया है कि रोग निवारण में संगीत की सकारात्मक भूमिका है। विश्व के सुप्रसिद्ध वैज्ञानिक डॉ. जगदीश चंद्र बोस ने प्रत्यक्ष रूप से यह सिद्ध किया कि संगीत की स्वर लहरियां पौधों की वृद्धि को सकारात्मक गति प्रदान करती हैं।

डॉ. सैजल ने कहा कि संगीत और आध्यात्म का गहरा संबंध है। हमारे देश में संत और निर्गुण दोनों धाराओं में संगीत को विशेष महत्व दिया गया है। संतों ने आध्यात्म के गूढ़ से गूढ़ रहस्यों को आमजन तक पहंुचाने के लिए संगीत के माध्यम से सरल शब्दों में पिरोया है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने आशा जताई कि संस्था भविष्य में भी इस तरह के आयोजन नियमित रूप से करती रहेगी।

उन्होंने आश्वस्त किया कि सोलन के खनोग में संस्था के लिए भूमि उपलब्ध करवाने की दिशा में प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने आग्रह किया कि संस्था संगीत का एक भव्य आयोजन सितंबर-अक्तूबर माह में कसौली में भी आयोजित करे। उन्होंने दो दिवसीय प्रतियोगिताओं के विभिन्न विजेताओं को सम्मानित भी किया। उन्होंने कहा कि संगीत के छात्र नियमित साधना को जीवन का अभिन्न अंग बनाएं क्योंकि साधना ही उनके कौशल में निखार लाएगी।

हारमोनियम प्रतियोगिता के कनिष्ठ वर्ग में सागर शर्मा प्रथम तथा दियांशु ठाकुर द्वितीय स्थान पर रहे। गायन प्रतियोगिता के कनिष्ठ वर्ग के 8 से 12 वर्ष आयु वर्ग में अनुष्का जोशी प्रथम, तुषार शर्मा द्वितीय तथा भरत शर्मा तृतीय स्थान पर रहे। इसी प्रतियोगिता के कनिष्ठ वर्ग के 13 से 18 वर्ष आयु वर्ग में ईशान शर्मा पहले, अभिषेक दूसरे तथा अभय शर्मा तीसरे स्थान पर रहे। इस वर्ग में चैतन्य प्रभाकर तथा भानु प्रिया को सांत्वना पुरस्कार प्रदान किया गया।

तबला वादन प्रतियोगिता के कनिष्ठ वर्ग में रोहन शर्मा प्रथम, अभय शर्मा द्वितीय तथा कुशाग्र शर्मा तृतीय स्थान पर रहे। शास्त्रीय संगीत गायन प्रतियोगिता के वरिष्ठ वर्ग में कैलाश शर्मा पहले, मोहित शर्मा दूसरे तथा जयति शर्मा तीसरे स्थान पर रहे।भजन प्रतियोगिता के कनिष्ठ वर्ग में ईशान पहले, भानुप्रिया दूसरे तथा चैतन्य प्रभाकर तीसरे स्थान पर रहे। इसी प्रतियोगिता के वरिष्ठ वर्ग में शिवानी शर्मा प्रथम, कैलाश शर्मा द्वितीय तथा अजय भारद्वाज तीसरे स्थान पर रहे।

संस्था के महासचिव प्रकाश चंद ने कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी प्रदान की। उन्होंने कहा कि संस्था के इस 10वें वार्षिक सम्मेलन में विभिन्न प्रतियोगिताआंे में 40 प्रतिभागियों ने भाग लिया। संस्था के अध्यक्ष सीताराम शर्मा ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। इस अवसर पर संस्था के संस्थापक प्रो. रामस्वरूप शांडिल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष देवेंद्र सिंह ठाकुर, उपाध्यक्ष किशोरी लाल, सह सचिव सतीश कपूर, कोषाध्यक्ष मनोज ठाकुर, उप कोषाध्यक्ष प्रमोद शर्मा, मुख्य सलाहकार अनिल वर्मा, युवा शर्मा, नंद किशोर शर्मा, संस्था के सदस्य, प्रतिभागी एवं संगीत प्रेमी उपस्थित थे।

 

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