प्रदेश में भाजपा और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर स्वच्छ व पारदर्शी प्रशासन देने के लिए कटिबद्ध है। लेकिन पावटा साहिब पुलिस प्रदेश सरकार की छवि मटियामेट करने पर उतारू है। पावटा साहिब पुलिस की वर्तमान कार्य शैली बिल्कुल न्याय संगत नहीं रह गई। पुलिस लाठी के जोर पर न्याय की कहानी लिख रही है। जो आम शहरी की जुबां पर वर्तमान प्रदेश सरकार को कोश कर बयां कर रही है। पुलिस सिर्फ व्यापारी बनकर क्षेत्र में अवैध कारोबार में संलिप्त होती दिखाई दे रही है। चाहे वह अवैध खनन, अवैध कच्ची शराब, नशा माफिया सट्टे का कारोबार और जुआ में पावटा साहिब पुलिस अव्वल है
चारों ओर जबरदस्त अवैध खनन चल रहा है। जिला प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठा है। ऐसा नहीं है कि इस अवैध खनन के बारे में वन विभाग के अधिकारियों, खनन विभाग के अधिकारियों, पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारियों को जानकारी नहीं है बल्कि वह जानबूझकर अनजान बनने का नाटक कर रहे हैं। उनकी तो बस जेबें भरती रहनी चाहिए।
नगर में बालू खनन माफियाओं के आगे पुलिस-प्रशासन नतमस्तक होता हुआ नजर आ रहा है। । जिससे माफियाओं के हौंसले बुलंद हैं। रात तो दूर दिन के समय में भी माफियाओं द्वारा पुलिसकर्मियों को सुविधा शुल्क देकर अवैध खनन के वाहनों को निकाला जाता है। वहीं भाजपा समर्थित खनन और लकड़ी माफिया के इशारे पर कांग्रेस का इक्का-दुक्का ट्रैक्टर पकड़कर कार्रवाई कर दी जाती है बताया जा रहा है कि कांग्रेस समर्थित खनन माफिया ने पुलिस अधिकारियों को भी कह दिया है कि हमने जेब में 10 लाख रखे हुए हैं जितने मर्जी चालान कर लो
भूपुर इलाके से यमुना से बालू बजरी पत्थर लाकर अवैध खनन का कारोबार कि या जा रहा है। पुलिस और प्रशासन की मिलीभगत के चलते खनन माफियाओं के हौसले बुलंद हैं। दिन के समय में भी माफियाओं को कारोबार सक्रिय है। सबसे व्यस्त रहने वाले बद्रीपूर
चौराहे से वाहनों को आसानी से निकाला जा रहा है।
खबरों वाला की टीम में भूपुर से बद्रीपुर तक जांच की तो बहुत अधिक मात्रा में बालू से लदा ट्रैक्टर आ रहा था। ट्राली में इतनी बालू लदी थी कि ट्रैक्टर के दो पहिए सड़क से ऊपर ही चल रहे थे। ट्रैक्टर-ट्राली के आगे बाइक पर काली शर्ट पहने एक खनन माफिया चल रहा था। पूरे रास्ते में कहीं पुलिस अवैध खनन के ट्रैक्टर को नहीं रोकती इससे लगता है कि माफियाओं के आगे पुलिस नतमस्तक हो गई है।