हिमाचल में शादियों के जश्न से पहले आबकारी कराधान विभाग का बड़ा आदेश सामने आ गया है। विभाग ने बिना लाइसेंस शराब परोसने पर पाबंदी लगा दी है। विभाग के इस आदेश का असर घर से मैरिज पैलेस तक देखने को मिलेगा। आबकारी कराधान विभाग की टीम अब शादी के मौके पर बिन बुलाए पहुंच सकती है और बिना लाइसेंस लाइसेंस शराब बरामद होने पर केस दर्ज हो सकता है। विभाग ऐसे मामले में आबकारी अधिनियम 2011 के तहत कार्रवाई करेगा। आबकारी विभाग का यह एक्शन प्लान शादियों के अलावा जन्मदिन और रिटायरमेंट पार्टी को लेकर भी बनाया गया है। विभाग ने उत्सव के मौके पर शराब परोसने का विरोध करने वाले संगठनों और आम लोगों समेत शराब विक्रेताओं से भी इस अभियान के साथ जुड़ने का आह्वान किया है। विभाग का दावा है कि अवैध रूप से शराब परोसे जाने की जानकारी देने वालों का नाम गुप्त रखा जाएगा। गौरतलब है कि विभाग के पास बड़े पैमाने पर ऐसी आयोजकों पर भी एक्शन ले सकती हैं
राज्य आबकारी कराधान विभाग के डिप्टी कमिश्नर प्रदीप शर्मा ने बताया कि बाहरी राज्यों से बड़ी मात्रा में अवैध शराब शादी समारोह में परोसी जा रही है। इस शराब को चोर रास्तों से हिमाचल में लाया जा रहा है। समारोह में बिना लाइसेंस के शराब परोसने पर अब विभाग कदम उठाने जा रहा है। बिना लाइसेंस के शराब परोसने पर मैरिज पैलेस और आयोजकों पर भी कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि शादी समारोह में शराब अवैध नहीं है, लेकिन इसके लिए लाइसेंस लेना जरूरी है। विभाग के इस कदम से राजस्व में बढ़ोतरी होगी। ऐसे मामलों में मैरिज पैलेस का लाइसेंस रद्द करने की भी सिफारिश विभाग करेगा।
शिकायतें सामने आई हैं, जिनमें चंडीगढ़ से शराब मंगवाकर उसे हिमाचल में परोसा जा रहा है। प्रदेश में उत्सवों के मौके पर शराब की बड़े पैमाने पर खपत होती है और चंडीगढ़ में हिमाचल के मुकाबले शराब सस्ती है। बाहर की शराब हिमाचल में आने से आबकारी विभाग को राजस्व घाटे के साथ ही लाइसेंस फीस से होने वाली आय से भी हाथ धोना पड़ रहा है। आबकारी विभाग ने समारोह में शराब परोसने के लिए लाइसेंस फीस तय कर रखी वा है। इसके तहत न्यूनतम 600 रुपए क का भुगतान कर आबकारी और कराधान विभाग से लाइसेंस हासिल त किया जा सकता है। इस लाइसेंस के क आधार पर उपभोक्ता किसी भी ल नजदीक की दुकान से तय मानकों नि के अनुसार शराब का कोटा उठा सकता है। आबकारी कराधान विभाग ने इस विधि को पूरी तरह से मंजूरी दी है।