शिमला से जारी बयान में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू जी से आज मुझे पूरी उम्मीद थी कि वह विमल नेगी की मौत और पॉवर कॉर्पोरेशन में हुए सैकड़ों करोड़ के घोटाले की जांच सीबीआई को सौंप देनी चाहिए। क्योंकि यह मामला जितना जटिल दिखाई दे रहा है उससे बहुत ज्यादा जटिल है। प्रदेश के पावर प्रोजेक्ट में घोटाले अब सैकड़ो करोड़ से बढ़कर हजारों करोड़ों के होते दिख रहे हैं। यह मामला सिर्फ पेखुबेला तक ही सीमित नहीं है। पावर कारपोरेशन के देखरेख में हो रहे सभी कामों में भारी भ्रष्टाचार की सूचना, आरोप और दस्तावेज सामने आ रहे हैं। आज समाचारों में उनके परिवार का जो आरोप सरकार और पुलिस पर छपा हुआ है वह बहुत दुःखद और शर्मनाक है। एक चुनी हुई सरकार से इस तरह की अपेक्षा नहीं की जा सकती है। एक तरफ़ सरकार सीबीआई जांच न करवा कर विमल नेगी के साथ नाइंसाफ़ी और भ्रष्टाचारियों को बचाने का काम करती दिख रही है। अब तो सरकार और पुलिस विमल नेगी जी को ही ज़िम्मेदार ठहराने पर लगी है। उनके भाई और पत्नी के आरोपों की माने तो अब पुलिस अपनी जान गवां चुके पॉवर कारपोरेशन के महा प्रबंधक और मुख्य अभियंता विमल नेगी की ही संपत्तियों और संबंधों की जांच कर रही है। जिन पर पूरा पॉवर कॉर्पोरेशन आरोप लगा रहा है सरकार उन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई से क्यों डर रही है? उल्टा जिस अधिकारी की जान गईं उसी के खिलाफ जांच कर रही है।
नेता प्रतिपक्ष ने सुक्खू सरकार पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने हिमाचल दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री द्वारा पुरानी बातें दोहराने पर कहा कि मुख्यमंत्री तीन साल से हर मौके पर की एक ही भाषण पढ़े जा रहे हैं। चाहे उनके सरकार के कार्यकाल का साल पूरा होने का जश्न हो, चाहे हिमाचल दिवस हो, चाहे हिमाचल पूर्ण राज्यत्व दिवस हो या प्रदेश के बजट सत्र। एक रटी रटाई स्पीच मुख्यमंत्री पढ़ देते हैं। उन्हें एक बार अपनी सभी स्पीच का अध्ययन करना चाहिए जिससे उन्हें पता चले कि वह ढाई सालों से सरकार चलाने के नाम पर क्या कर रहे हैं। इस बार का हिमाचल दिवस भी झूठी बातें, पूर्व सरकार और केंद्र सरकार को कोसने में निकाल दिया। सरकार से सवाल यह है कि वह अपने काम करेगी? अपनी गारंटिया कब पूरी करेगी? प्रदेश के युवाओं को रोजगार कब देगी। मुख्यमंत्री प्रदेश के लिए कोई ऐसा घोषणा कब करेंगे जो प्रदेश के लोगों के लिए हितकारी हो, जो उनके जीवन में कोई परिवर्तन ला सके। आज जिन योजनाओं को सरकार अपना बता कर अपनी पीठ थपथपाती है वह सब की सब केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित हैं। अपनी जिन तीन योजनाओं पर मुख्यमंत्री ने हर साल करोड़ों का प्रचार किया, उन पर मात्र 37 करोड़ रुपए सुक्खू सरकार ने खर्च किए हैं। इसमें सबसे हास्यास्पद बात यह है कि इन योजनाओं से ज़्यादा पैसा सुक्खू सरकार ने उनके विज्ञापन और प्रचार प्रसार में खर्च किया है।
जयराम ठाकुर ने कहा कि आज प्रदेश भर में अराजकता का माहौल क्यों हैं? हर जगह से भ्रष्टाचार और घोटाले की खबरें क्यों आ रही हैं? उससे भी बड़ा सवाल सरकार सामने आ रहे हर भ्रष्टाचार पर मौन क्यों है? आखिर सरकार की क्या मजबूरी है कि दिन भर मंचों से प्रदेश की संपत्ति न लूटने देने का राग अलापती है और प्रदेश के संसाधनों की लूट पर चुप रहती हैं? मुख्यमंत्री स्वयं भ्रष्टाचार के खुले आरोपों पर चुप्पी साधकर क्यों बैठे रहते हैं। सिर्फ़ झूठ बोलकर जनता पर टैक्स लादकर सरकार चलाने का काम चल रहा है। जनहितों की अनदेखी करके और भ्रष्टाचारियों को संरक्षण देकर सरकार नहीं चलाई जा सकती है। मुख्यमंत्री को विमल नेगी के मौत की जांच सीबीआई को देनी चाहिए जिससे दूध का दूध और पानी का पानी हो सके।