शिमला स्थित प्रवर्तन निदेशालय (ED) कार्यालय का एसिस्टेंट डायरेक्टर विशाल दीप CBI के रडार पर आ गया है। शिमला में तैनात एसिस्टेंट डायरेक्टर पर लाखों रुपए की रिश्वत मांगने का आरोप है। इसी केस में CBI ने बीते कल शिमला में ED दफ्तर में सर्च रेड की। इस दौरान CBI टीम शिमला कार्यालय से कुछ दस्तावेज और फाइल अपने साथ लेकर गई है।
सूत्रों की माने तो विशाल दीप की धरपकड़ के लिए CBI की टीम ने चंडीगढ़ में आज उसके कई संभावित ठिकानों पर दबिश दी, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं लग पाया है। CBI से जुड़े सूत्र बताते हैं कि एक शिकायत के बाद विशाल दीप को पकड़ने के लिए 22 दिसंबर को चंडीगढ़ में जाल लगाया गया। मगर वह गाड़ी समेत भागने में कामयाब रहा
शिमला स्थित प्रवर्तन निदेशालय (ED) कार्यालय का एसिस्टेंट डायरेक्टर विशाल दीप CBI के रडार पर आ गया है। शिमला में तैनात एसिस्टेंट डायरेक्टर पर लाखों रुपए की रिश्वत मांगने का आरोप है। इसी केस में CBI ने बीते कल शिमला में ED दफ्तर में सर्च रेड की। इस दौरान CBI टीम शिमला कार्यालय से कुछ दस्तावेज और फाइल अपने साथ लेकर गई है।
सूत्रों की माने तो विशाल दीप की धरपकड़ के लिए CBI की टीम ने चंडीगढ़ में आज उसके कई संभावित ठिकानों पर दबिश दी, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं लग पाया है। CBI से जुड़े सूत्र बताते हैं कि एक शिकायत के बाद विशाल दीप को पकड़ने के लिए 22 दिसंबर को चंडीगढ़ में जाल लगाया गया। मगर वह गाड़ी समेत भागने में कामयाब रहा।
हालांकि जिस गाड़ी से विशाल दीप भागा है, उसे CBI ने बरामद कर दिया है, लेकिन अधिकारी का 5 दिन बाद भी सुराग नहीं लग पाया। आरोप है कि विशाल दीप ने एक केस में शिकायतकर्ता से लगभग 55 लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी।
CBI से जुड़े सूत्र बताते हैं कि CBI ने रिश्वत के 54 लाख रुपए सहित 1 करोड़ से ज्यादा की नकदी आरोपी के अलग अलग ठिकानों से बरामद कर दी है। अब आरोपी को पकड़ने के लिए चंडीगढ़ के साथ-साथ पंजाब और हरियाणा में भी उसकी तलाश की जा रही है।
वहीं आरोपी अधिकारी के भाई की गिरफ्तारी की भी चर्चा है। बताया जा रहा है कि अधिकारी का भाई भी रिश्वत के इस केस में संलिप्त है। मगर इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई।केंद्रीय जांच एजेंसी से जुड़ा होने की वजह से अधिकारी बोलने से कतरा रहेकेंद्रीय एजेंसी CBI द्वारा दूसरी केंद्रीय एजेंसी ED के अधिकारी पर की गई इस कार्रवाई से हड़कंप मच गया है। मामला केंद्रीय एजेंसी से जुड़ा होने की वजह से कोई भी CBI और ED अधिकारी इस केस में बोलने से कतरा रहे हैं।