जिला सिरमौर के पांवटा साहिब शिलाई गुम्मा नेशनल हाईवे 707 पर भारी भूस्खलन होने से शिलाई के समीप रात से ही उतरी में बंद है। 3 जुलाई की रात से 4 जुलाई रात तक भी यहां पर नेशनल हाईवे 20 घंटे बंद रहा था। हिमाचल प्रदेश के पहले ग्रीन कॉरिडोर के निर्माणधीन के चलते अक्सर यह सड़क कहीं ना कहीं बंद होती है। जिला सिरमौर में पिछले दो सप्ताह से हो रही भारी बारिश के चलते प्रतिदिन लोक निर्माण विभाग की दर्जनों सड़के बंद हो रही है।
पांवटा साहिब शिलाई गुम्मा नेशनल हाईवे पर पिछले तीन वर्षों से निर्माण कार्य चल हुआ है। जिसके चलते यह मार्ग अक्सर बंद हो जाता है। वही मंगलवार रात को उतरी में फिर से भारी भूस्खलन हुआ, भूस्खलन के दौरान पहाड़ी से बड़ी-बड़ी चट्टाने व भारी मलवा सड़क पर आ गया। जिसके चलते रात भर से भारी वाहन जाम में फंसे हैं। छोटे वाहनों को वैकल्पिक मार्गों से भेजा जा रहा है। सड़क बंद होने से स्कूल कॉलेज जाने वाले छात्र-छात्राएं, हॉस्पिटल जाने वाले मरीजों तथा ऑफिस जाने वाले कर्मचारियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वही शिलाई विधानसभा क्षेत्र से सब्जियां मंडियों तक पहुंचने वाले ट्रक और यात्रियों को ले जाने वाली बसें रोड बहाल करने का इंतजार कर रही है।
उधर शिलाई के एसडीएम जसपाल ने बताया कि हाईवे को बाहल करने के लिए कंपनी को निर्देश दे दिए गए हैं। सड़क बहाल करने के लिए मशीन भेज दी गई है, शाम तक हाईवे बहाल हो जाएगा। वही भारी बारिश के चलते नाहन श्रीरेणुकाजी सड़क पर भूस्खलन और पहाड़ी से बड़ी चट्टानें गिरने के कारण डेढ़ घंटे आवाजाही पूरी तरह बंद रही।
इसके चलते यात्रियों को भारी दिक्कतों सामना करना पड़ा। यात्रियों को बसों में ट्रांसमिशन से गंतव्य तक पहुंचाया गया। जबकि, अन्य छोटे-बड़े वाहन सड़क के दोनों ओर फंसे रहे। सड़क बड़ोलिया पुल के समीप बड़ी चट्टानें गिरने से बंद हो गई थी। बताया जा रहा है कि आज सुबह साढ़े सात बजे के आसपास यहां बड़े पत्थर पहाड़ी से सड़क पर आ गिरे। गनीमत ये रही कि सुबह के समय सड़क पर ट्रैफिक कम होने की वजह से कोई इस भूस्खलन की चपेट में नहीं आया, वरना बड़ा हादसा हो सकता था।