प्रदेश की संस्कृति बदलते परिवेश के बावजूद भी समृद्ध है जिनके सरंक्षण में यमुना शरद महोत्सव जैसे आयोजन अहम भूमिका निभाते हैं ।यह उदगार विधानसभा अध्यक्ष ने गत सांय पांवटा में यमुना शरद् महोत्सव के समापन अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि विशाल जन समूह को संबोधित करते हुए व्यक्त हुए । उन्होने इस अवसर पर दीप प्रज्ज्वलित करके सांस्कृतिक संध्या का शुभारंभ किया । इससे पहले उन्होंने शरद पूर्णिमा के अवसर पर माता यमुना नदी के घाट पर आयोजित विशेष आरती पूजा में भाग लिया ।
उन्होंने कहा कि दसवें गुरू गोविंद सिंह के नाम विश्व में विख्यात पांवटा साहिब एक धार्मिक पर्यटक स्थल के रूप मे बड़ी तेजी साथ उभर रहा है। उन्होने कहा कि यमुना नदी का हमारे धार्मिक ग्रथों में एक विशेष स्थान है और पांवटा के गुरूद्धारा के साथ बहने के कारण इसका धार्मिक महत्व और भी बढ़ गया है । उन्होने स्थानीय प्रशासन द्वारा इस वर्ष बनारस की तर्ज पर महोत्सव में आयोजित यमुना आरती करवाने के लिए बधाई दी और इस परंपरा को कायम रखने की सलाह दी ।
उन्होने यमुना शरद महोत्सव को राज्य स्तरीय उत्सव घोषित करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया । उन्होने इस अवसर पर जिला व अन्य प्रदेश से आए कलाकारों को अपनी शुभकामनाऐं दी । इससे पहले एसडीएम पांवटा एवं अध्यक्ष महोत्सव समिति एलआर वर्मा ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया और विधानसभा अध्यक्ष को हिमाचली टोपी, शॉल और स्मृति चिन्ह भेंट करके सम्मानित किया गया । इस मौके पर उपाध्यक्ष हिप्र नागरिक आपूर्ति निगम बलदेव तोमर, सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति व विभिन्न विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।