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सिरमौर के शिलाई क्षेत्र के नैनीधार के कलोग गाँव में दो सगे भाइयों सुनील कुमार बौद्ध और विनोद आज़ाद ने एक अनोखी पहल करते हुए बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर के विचारों से प्रेरित होकर विवाह समारोह में बदलाव किया। उन्होंने पारंपरिक ब्रह्म विवाह की जगह संविधान को साक्षी मानकर विवाह किया।
सुनील कुमार ने रीता से और विनोद ने रीना वर्मा से विवाह किया। दोनों भाई सरकारी नौकरी में हैं और सामाजिक सुधार के लिए हमेशा आगे रहते हैं। उनका मानना है कि विवाह दो दिलों का मेल है और इसके लिए किसी परम्परागत रीति और कर्मकांड का होना जरूरी नहीं है।
इस अनोखी शादी में स्थानीय रीति-रिवाजों का पालन किया गया और बारात भी निकाली गई। दोनों परिवारों ने इस नई पहल का समर्थन किया और विवाह को सफलतापूर्वक संपन्न करवाया। यह विवाह युवाओं के लिए एक प्रेरणा का स्रोत बन रहा है और सामाजिक सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।












