Khabron wala
हिमाचल प्रदेश की शिमला शहर की पुलिस पर गंभीर आरोप लगे हैं. शहर के ही एक शख्स ने पुलिस पर मदद ना करने के आरोप लगाए हैं. यहां तक कि शख्स ने एसपी संजीव गांधी से भी मदद मांगी थी. लेकिन कोई रिस्पांस नहीं मिला. अहम बात है कि शिमला के मॉल रोड की यह घटना है और यहां पर पुलिस कंट्रोल रूम के अलावा, 24 घंटे पुलिस की तैनाती रहती है.
जानकारी के अनुसार, मंगलवार दोपहर तीन बजे के करीब शिमला के रिज मैदान के पास यह घटना पेश आई है. अमरजीत रैना नाम के शख्स ने सोशल मीडिया पर पोस्ट डालते हुए लिखा कि मॉल रोड के शेर-ए-पंजाब के पास 94 वर्षीय बुज़ुर्ग व्यक्ति सड़क पर गिर पड़े और उनकी नाक और मुंह चोट लगी थी और काफी मात्रा में खून बहने लगा, लेकिन हैरानी की बात यह रही कि बार-बार आपातकालीन नंबरों पर कॉल करने के बाद भी मदद नहीं मिली. उन्होंने कहा कि यहां तक कि एसपी शिमला को सूचना देने के बावजूद भी एक घंटे तक कोई पुलिस सहायता मौके पर नहीं पहुंची. बाद में 94 वर्षीय बुज़ुर्ग को उन्होंने जैसे तैसे अस्पताल पहुंचाया. उन्होंने कहा कि एक घंटे तक पुलिस मदद नहीं मिली, जो कि निराश करने वाला है.
उन्होंने कहा कि मदद के लिए पुलिस कंट्रोल रूम, इमरजेंसी नंबर और संबंधित अधिकारियों को कई बार फोन किए गए, लेकिन एक भी पुलिस वाहन या पीवीआर (Police Vehicle for Rescue) नहीं आया. उन्होंने बताया कि एक घंटे बाद एंबुलेंस आई तो उन्हें अस्पताल ले जाया गया.
शिमला के रिज मैदान पर हर समय पुलिस रहती है. यहां तक कि मॉल रोड पर पुलिस के जवान दिन रात गश्त करते रहे हैं. ऐसे में पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठते हैं. पूरे मामले को लेकर शिमला पुलिस का पक्ष नहीं मिल पाया है.
इस मामले पर अमरजीत रैना ने एसपी पर भी सीधा सवाल उठाया क्योंकि उनसे भी मदद मांगी गई थी. लेकिन उनकी तरफ से भी कोई रिस्पांस नहीं मिला है. उधऱ, रैना की पोस्ट पर लोगों ने कमेंट किए हैं और कहा कि और इस घटना को शर्मनाक बताया. एक यूजर ने लिखा कि वीआईपी लोगों के लिए है आम जनता के लिए नहीं.