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जिला प्रशासन के आदेशों के बाद प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने सिरमौर जिला के सभी खंड प्रारंभिक शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से सभी स्कूल प्रमुखों को एक एडवाइजरी जारी कर दी है, ताकि बच्चों को ठंड में सुरक्षित रखने के लिए योजना तैयार कर उचित प्रयास किए जा सकें। दरअसल इसी महीने 3 दिसम्बर को डीसी सिरमौर प्रियंका वर्मा की अध्यक्षता में सभी विभागों की एक जिला स्तरीय बैठक का आयोजन किया गया था, जिसमें सभी विभागों को आने वाले ठंड के मौसम में बचाव के लिए निर्देशित किया गया था कि जिला सिरमौर में शरद ऋतु के दौरान कोई अप्रिय घटना न हो, उसके लिए सभी विभाग अपनी तैयारी कर लें। इसके बाद प्रारंभिक शिक्षा विभाग विभाग ने यह कदम उठाया है। इस संबंध में जारी एडवाइजरी में जिला के प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक राजीव ठाकुर ने सर्दियों में स्कूल जाने वाले बच्चों की देखभाल कैसे करें, इसको लेकर उचित दिशा-निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि सर्दियों का मौसम आते ही ठंडी हवाएं और गिरता तापमान बच्चों की सेहत के लिए चुनौती बन जाता है। खासकर स्कूल जाने वाले बच्चों के लिए इस समय विशेष देखभाल की जरूरत होती है, ताकि वे सर्दी-जुकाम जैसी बीमारियों से बच सकें और स्वस्थ रहकर पढ़ाई पर ध्यान दे सकें।
गर्म कपड़ों की सही व्यवस्था
एडवाइजरी के मुताबिक सर्दी के मौसम में बच्चों को सही और पर्याप्त कपड़े पहनाना बेहद जरूरी है। बच्चों को लेयरिंग में कपड़े पहनाएं, ताकि जरूरत के अनुसार कपड़े उतारे या पहने जा सके। स्वैटर, जैकेट, मफलर, टोपी और दस्ताने जरूर पहनाएं। स्कूल यूनिफॉर्म के नीचे धर्मत या गर्म इनर जरूर पहनाएं। कानों को ढकने वाली टोपी का उपयोग करें, ताकि ठंडी हवा से बचाव हो। बच्चों को गर्म कपड़े पहनाएं और सुनिश्चित करें कि वे स्कूल बस का इंतजार करते समय ठिठुरें नहीं।
पौष्टिक और गर्म भोजन
सर्दियों में बच्चों को ऐसा भोजन दें जो उनकी इम्यूनिटी को मजबूत करे। सुबह के नाश्ते में गुड़ और ड्राई फ्रूट्स का सेवन करावाएं। घर का बना गर्म सूप जैसे टमाटर का सूप, वैजिटेबल सूप या चिकन सूप जरूर दें। हरी सब्जियां जैसे पालक, मेथी, सरसों और गाजर का सेवन करावाएं। सर्दियों में बच्चों के लिए हल्दी वाला दूध (गोल्डन मिल्क) बेहद फायदेमंद होता है।
ठंड से बचाव के लिए शरीर की सफाई
ठंड के बावजूद बच्चों की शारीरिक सफाई पर ध्यान दें। रोजाना हल्के गुनगुने पानी से स्नान करवाएं और शरीर पर मॉइस्चराइजर लगाएं, ताकि त्वचा रूखी न हो। गुनगुने पानी में नमक डालकर पैर धोने से ठंडक का असर कम होता है।
इम्यूनिटी बढ़ाने पर जोर
एडवाइजरी में ठंड के इस मौसम में बच्चों की इम्यूनिटी बढ़ाने पर भी जोर दिया गया है। बच्चों को सर्दियों में बीमारियों से बचाने के लिए उनकी इम्यूनिटी को बढ़ाना जरूरी है। उन्हें रोजाना विटामिन सी से भरपूर चीजें दें, जैसे संतरा, आंवला और नींबू आदि। शहद और अदरक का सेवन करवाएं। बच्चों को प्रॉपर स्लीप यानी 8-10 घंटे की नींद लेने दें, ताकि उनकी सेहत ठीक रहे।
नियमित व्यायाम और धूप
सर्दियों में व्यायाम और सूरज की रोशनी सेहत के लिए वरदान साबित होती है। सुबह की हल्की धूप में बच्चों को बैठने दें, ताकि उन्हें प्राकृतिक विटामिन डी मिल सके। हल्के-फुल्के व्यायाम या खेलकूद से बच्चों का शरीर गर्म रहेगा और उनका स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा।उन्हें घर के अंदर योग या हल्की एक्सरसाइज करवाएं।
सर्दी-जुकाम से बचाव के घरेलू उपाय
अगर बच्चों को सर्दी हो जाए तो कुछ घरेलू उपाय उनकी सेहत सुधार सकते हैं। हल्दी, अदरक और तुलसी का काढ़ा बनाकर दें। भाप (स्टीम) लेने से बंद नाक खुल जाती है। गर्म पानी पिलाएं और ठंडे खाद्य पदार्थों से बचाएं।
बच्चों की सेहत का ध्यान रखना माता-पिता की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। सही कपड़े, पौष्टिक भोजन और स्वस्थ जीवनशैली के साथ सर्दियों का आनंद लिया जा सकता है। सर्द मौसम में थोड़ी सी सावधानी बरतकर हम बच्चों को बीमारियों से बचा सकते हैं और उन्हें ऊर्जा से भरपूर बनाए रख सकते हैं। इसलिए इस सर्दी में अपने बच्चों की सेहत का ध्यान रखें और उन्हें सुरक्षित, स्वस्थ और खुशहाल बनाए।
स्कूल बस के लिए वैकल्पिक परिवहन पर विचार करें
यदि कोहरा बहुत घना है तो वैकल्पिक परिवहन का उपयोग करें या स्कूल समय पर लाने के लिए पहले से ही स्कूल से संपर्क करें। वहीं यदि कोहरे के कारण कोई समस्या हो, तो स्कूल से संपर्क करें। इसके अलावा बच्चों को समूह में चलने के लिए प्रोत्साहित करें, क्योंकि एक साथ कई बच्चे सुरक्षित हो सकते हैं।
स्कूल प्रबंधनों के लिए ये निर्देश भी जारी
प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक राजीव ठाकुर ने स्कूल प्रमुखों को यह निर्देश भी जारी किए कि स्कूलों में सीसीटीवी कैमरे और प्रवेश नियंत्रण जैसी सुरक्षा प्रणालियां लगानी चाहिए। स्कूल को सुरक्षा प्रक्रियाओं को लागू करना चाहिए, जैसे आगंतुक नीति और कर्मचारियों को सुरक्षा प्रोटोकॉल के बारे में प्रशिक्षित करना। स्कूलों को सुरक्षा ऑडिट करने चाहिए, ताकि कोहरे के कारण कोई खतरा उत्पन्न न हो। इसके अलावा कोहरे की स्थिति के लिए एक आपातकालीन योजना होनी चाहिए, जिसमें कोहरा कम होने तक बच्चों को स्कूल में रोकना या उन्हें घर भेजने की योजना शामिल हो।











