Sirmour: फौजी भाई की वर्दी देख जागा जुनून, अब देश के सेना प्रमुख को सलामी देगी अंशिका

Khabron wala 

हिमाचल प्रदेश की एक और होनहार बेटी ने प्रदेश का नाम देशभर में रोशन कर दिया है। सिरमौर जिले के गिरिपार क्षेत्र की बेटी अंशिका कन्याल ने अपनी कड़ी मेहनत, अनुशासन और लगन के दम पर वह मुकाम हासिल किया है, जिसके सपने हजारों युवा देखते हैं।

चीफ ऑफ आर्मी को सलामी

अंशिका कन्याल गांव नाया पंजोड़ की रहने वाली हैं। 15 जनवरी, 2026 को जयपुर में आयोजित होने वाले आर्मी दिवस के भव्य समारोह में चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ को सलामी पेश करेगी।

यह सम्मान किसी भी NCC कैडेट के लिए बेहद विशेष और अत्यंत गौरवपूर्ण माना जाता है। अंशिका वर्तमान में डॉ. यशवंत सिंह परमार गवर्नमेंट कॉलेज, नाहन में BA द्वितीय वर्ष की छात्रा हैं। पढ़ाई के साथ-साथ वह एक सक्रिय NCC कैडेट भी हैं।

राष्ट्रीय स्तर की खिलाड़ी हैं अंशिका

खेलों में भी उनका प्रदर्शन हमेशा उत्कृष्ट रहा है। वह राष्ट्रीय स्तर की खिलाड़ी रही हैं और कई प्रतियोगिताओं में पदक जीतकर कॉलेज और जिला-दोनों का नाम चमका चुकी हैं। NCC में अंशिका के अनुशासन, शारीरिक फिटनेस और नेतृत्व क्षमता ने उन्हें इस प्रतिष्ठित परेड के लिए चयनित होने में बड़ी भूमिका निभाई।

अंशिका के जीवन में प्रेरणा के प्रमुख स्तंभ उनके बड़े भाई रहे हैं। एक भाई SBI बैंक में कार्यरत हैं जबकि दूसरे भाई भारतीय सेना में सेवारत हैं और वर्तमान में विदेश में देश की सेवा कर रहे हैं।

बचपन से ही था सपना

फौजी भाई की वर्दी, परेड का रौब, अनुशासन और देश के प्रति समर्पण बचपन से ही अंशिका के मन में गहरा असर छोड़ता रहा। यही संस्कार और प्रेरणा बाद में उनके फैसलों और सपनों की दिशा तय करने का आधार बने।

अंशिका की उपलब्धि की खबर जैसे ही गांव और क्षेत्र में फैली, लोगों में अपार उत्साह देखने को मिला। पूरे गिरिपार क्षेत्र में इसे बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। उनके माता-पिता बेटी की इस उपलब्धि से बेहद खुश हैं।

माता-पिता हैं बेहद खुश

उनका कहना है कि अंशिका बचपन से ही मेहनती, लक्ष्य के प्रति समर्पित और आत्मअनुशासित रही है। परिवार को पूरा विश्वास था कि वह जीवन में बड़ी ऊंचाइयां हासिल करेगी, और अब आर्मी डे पर उसे सलामी देते देखना उनके लिए किसी सपने के सच होने जैसा अनुभव होगा।

15 जनवरी को जयपुर में जब अंशिका पूरी वेशभूषा और गौरव के साथ मंच पर कदम रखेगी और सेना प्रमुख को सलामी देगी- तब यह क्षण केवल उसके परिवार का ही नहीं, बल्कि पूरे गिरिपार क्षेत्र का मान बढ़ाने वाला होगा। उनकी यह उपलब्धि क्षेत्र के युवा लड़कियों और लड़कों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी, खासकर उन छात्रों के लिए जो NCC और रक्षा सेवाओं में भविष्य बनाना चाहते हैं।

 

 

 

 

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