जिला सिरमौर में अगले 5 दिनों यानि 22 जुलाई तक मध्यम घने बादल छाए रहेंगे तथा अधिकांश स्थानों में हल्की मध्यम वर्षा की संभावना बनी रहेगी। 19 से 21 जुलाई, 2020 तक मध्यम भारी वर्षा की सम्भावना है। अधिकांशतः हवा कि दिशा पूर्वी-दक्षिणी रहने के साथ हवा की गति 5 से 7 किलोमीटर प्रति घंटा रहने का पूर्वानुमान है। वायुमंडल में आद्रता 42-98 प्रतिशत के बीच रहेगी। अधिकतम तापमान 29-31 डिग्री सेल्सियस व न्यूनतम तापमान 22-23 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने का अनुमान है।
प्रभारी वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केन्द्र धौलाकुंआ गजेन्द्र सिंह ने बताया कि जिला सिरमौर के ब्लॉक नाहन में मध्यम घने बादल छाए रहेगे तथा हल्की मध्यम बारिश हो सकती है। 21 जुलाई को मध्यम भारी बारिश हो सकती है। अधिकाश हवा की दिशा पूर्वी दक्षिणी रहने के साथ हवा कि गति 7 से 13 किलोमीटर प्रति घंटा तथा वायुमंडल में आद्रता 40 से 92 प्रतिशत तथा अधिकतम तापमान 25 से 30 डिग्री व न्यूनतम तापमान 19 से 22 डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा।
इसी प्रकार अगले पांच दिनों मंे पांवटा साहिब में मध्यम घने बादल छाए रहेगे। अधिकतर स्थानों में हल्की मध्यम बारिश होने के साथ हवा की गति 6 से 9 किलोमीटर प्रति घंटा, आद्रता 36-92 प्रतिशत के बीच रहेगी व अधिकतम तापमान 24-30 डिग्री सेल्सियस व न्यूनतम तापमान 19-21 डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा।
इसी तरह राजगढ में मध्यम घने बादल छाए रहेंगे तथा मध्यम भारी बारिश होने की सम्भावना है व हवा की गति 5 से 8 किलोमीटर प्रति घंटा, आद्रता 68-95 प्रतिशत के बीच रहेगी व अधिकतम तापमान 26-30 डिग्री सेल्सियस व न्यूनतम तापमान 19-22 डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा।
उन्होंने बताया कि ब्लॉक पच्छाद में मध्यम घने बादल छाए रहेंगे जिससे अधिकतर स्थानों पर मध्यम हल्की बारिश होने की सम्भावना है। 21 जुलाई को भारी बारिश (45-50 मिलीमीटर) बारिश हो सकती है। अधिकांशतः हवा की दिशा पूर्वी दक्षिणी रहने के साथ हवा की गति 5 से 11 किलोमीटर के बीच रहने का अनुमान है। वायुमंडल में सापेक्षिक आद्रता 48-94 प्रतिशत के बीच रहेगी व न्यूनतम तापमान 20-22 डिग्री सेल्सियस व अधिकतम तापमान 27-30 डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा।
खराब मौसम के चलते उन्होने किसानों को यह सलाह दी है कि खेतों में उर्वरक व कीटनाशी दवाओं का छिड़काव मौसम की परिस्थिति को देखकर ही करें। उन्होंने मुर्गी पालकों को सलाह दी है कि मुर्गियों में खूनी दस्त जो कि प्रोटोजोआ परजीवी जनित रोग है, जिससे मुर्गियों की मृत्यु दर 70 से 80 प्रतिशत हो सकती है, इस बीमारी के रोकथाम व उपचार के लिए मुर्गीपालक पशु चिकित्सक की सलाह लेकर उचित दवा का प्रयोग करें।