सिरमौर जिला की सबसे ऊंची चूड़धार चोटी की यात्रा पर एक मई से देना होगा शुल्क

ईको डेवलपमेंट कमेटी चूड़धार ने पर्यावरण संरक्षण एवं पवित्र स्थल की स्वच्छता बनाए रखने से लिए उठाया कदम

जिला सिरमौर की सबसे ऊंची चूड़धार चोटी पर जाने के लिए अब धार्मिक यात्रियों और ट्रैकरों को शुल्क देना पड़ेगा। ईको डेवलपमेंट कमेटी चूड़धार ने यह कदम पर्यावरण संरक्षण और पवित्र स्थल की स्वच्छता बनाए रखने से लिए उठाया है।

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11965 फीट की ऊंचाई पर स्थित शिरगुल महादेव के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल चूड़धार जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए अलग अलग दरें निर्धारित की गई हैं। इन दरों को फाइनल कर दिया है। इसे एक मई से लागू करने की तैयारी शुरू हो गई है। बता दें कि चूड़धार एक सेंचुरी एरिया है, चूड़धार वाइल्ड लाइफ सेंचुरी और एडीसी ने पिछले दिनों बैठक कर शुल्क निर्धारित करने का फैसला लिया था। अब इन शुल्क दरों को अंतिम रूप दे दिया है। इसके अनुसार 10 कैटेगरी बनाई गई हैं। इसके लिए बकायदा रसीदें भी प्रकाशित कर दी हैं। ये एक तरह का परमिट होगा, जो वन्य जीव अभ्यारण में प्रवेश के लिए लोगों को जारी किया जाएगा।


चूड़धार के लिए जाने वाले सभी रास्तों पर गुमटियां बनाई जाएंगी। जिसमें कमेटी में शामिल छ: पंचायतों के युवाओं को तैनात किया जाएगा। जिला सिरमौर की तीन पंचायत देवना, छोगटाली व नौहराधार तथा शिमला जिला की सराहन, जोड़ना व जवग छमरोग पंचायत के नवयुवक मंडलों को यह कार्य सौंपा गया है। नौहराधार के रास्ते पर जमनाला व पुलवाहल के रास्ते में खड़ाच में शुल्क एकत्रित करने के लिए गुमटियां तैयार होंगी। यात्रा शुल्क का 75 फीसदी सरकार के खाते में जमा होगा। जबकि 25 फीसदी नवयुवक मंडलों के युवाओं को मिलेगा।

चूड़धार यात्रा पर जाने वाले लोगों में हिमाचलियों से प्रति व्यक्ति 20 रुपए शुल्क लिया जाएगा। जबकि गैर हिमाचली से 50 रुपए, विदेशियों से 200 रुपए लिए जाएंगे। इसके साथ साथ ट्रैकर, हाइकर्स और कैंपर्स से 100 रुपए, फोन कैमरे को छोड़कर अन्य कैमरा साथ ले जाने वाले यात्रियों से 50 से 100 रुपए, मूवी, डाक्यूमेंट्री शूटिंग के लिए 10 से 15 हजार रुपए प्रतिदिन, शादी की शूटिंग के लिए 3 हजार रुपए प्रतिदिन, टैंटिंग (भारतीय नागरिक) से 200, 300 और 400 रुपए प्रति, टेंट लगाने (विदेशी नागरिक) के लिए 500 प्रति टेंट/दिन के अलावा खच्चर और घोड़े से यात्रा के लिए 100 रुपए वसूले जाएंगे। जबकि सिरमौर, सोलन व शिमला के यात्रियों के लिए शुल्क स्वैच्छिक होगा। इसमें टैंटिंग शुल्क शामिल नहीं है। इसके साथ साथ चूड़धार यात्रा पर जाने वाली जातर से किसी भी प्रकार का कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। उधर चूड़धार वाइल्ड लाइफ के वन परिक्षेत्राधिकारी वीरेंद्र कुमार ने बताया कि यात्रा परमिट की दरें यानी शुल्क फाइनल कर लिया गया है। एक मई से इसे लागू कर दिया जाएगा। टेंटिंग साइट से लिए जाने वाले शुल्क में 60 फीसदी हिस्सेदारी नवयुवक मंडल की होगी, जबकि 40 फीसदी सरकार को जाएगा। शुल्क दरें लागू करने से पहले टेंडर भी किए जा सकते हैं। निर्धारित शुल्क दरों को उच्चाधिकारी के समक्ष रखा जाएगा, इसके बाद अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

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