हिमाचल प्रदेश समेत कई एसोसिएशन ने पूरे प्रदेश में सरकार के स्कूल फीस बिल का विरोध किया है। बिल के विरोध में एसोसिएशन मुख्यमंत्री, शिक्षा मन्त्री व निदेशक उच्च शिक्षा को ज़िलाधीश व उप शिक्षा निदेशक को ज्ञापन सौंपा गया है। नरिंदर पाल सिंह नारंग जिला अध्यक्ष स्वतंत्र स्कूल एसोसिएशन व नत्थी मल वर्मा, शिवानी पांडे, कृष्णा रॉय, जगमोहन महाजन व कुंदन ठाकुर आदि ने कहा कि सरकार निजी गैर सहायता पर्याप्त स्कूलों की फीस को सरकार नियंत्रत नही कर सकती हर स्कूल अपनी-अपनी सुविधाओं के आधार पर फीस लेता है।
उच्च न्यायालय हिमाचल प्रदेश ने भी 24/08/2020 के फैसले मे स्कूलों की स्वतंत्रता को बरकरार रखा है। अगर सरकार यह बिल लाती है तो लगभग सभी स्कूल बंद हो जाएंगे। इस स्थिति में हम स्कूल नही चला पायंगे। सरकार फीस में केवल हर साल 6 प्रतिशत बढ़ाने की बात कर रही है जबकि अन्य वस्तुओं के दाम 15 से 20 प्रतिशत हर साल बढ़ रहे है। बिना फीस के निजी स्कूल नही चल सकते जबकि स्कूलों के अन्ये खर्चे भी हैं जिसमे नई तकनीको को ले कर आना,स्कूलों को नया सामान नई तकनीक से बढ़िया शिक्षा देना इत्यादि शामिल है। एसोसिएशन के राज्य अध्यक्ष डॉ गुलशन कुमार ने कहा कि गुणबत्ता की शिक्षा के लिये आपको पैसा ख़र्च करना पड़ेगा अन्यथा फिर सरकारी स्कूलों में ही जाना पड़ेगा क्योंके निजी स्कूल बंद होंगे और 3 लाख के करीब अध्यापक सड़कों पर होंगे, लगभग 6 लाख बच्चों को सरकारी स्कूलों में बैठने की जगह नहीं होगी तो शिक्षा का क्या होगा।
अपने बच्चों का भविष्य उज्जवल बनाने के लिए निजी स्कूलों को प्रोसाहित करे औऱ गुरु और शिष्य की गरिमा को कायम रखते हुए स्कूल प्रबंधन व अभिभावकों के बीच ऐसा वातावरण ना बनाये जिससे बच्चों का भविष्य खराब हो।