Khabron wala
युवा किसी भी देश की रीढ़ होते हैं। राष्ट्र की शक्ति, प्रगति और भविष्य युवाओं पर ही निर्भर करता है। परंतु आज युवाओं में मादक द्रव्यों का दुरुपयोग समाज की सबसे गंभीर समस्या बन चुकी है। नशा एक सामाजिक बुराई है, जो व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक और सामाजिक रूप से कमजोर बनाकर, उनके जीवन को अंधकारमय कर देता है। नशा एक सामाजिक चुनौती है, जिसके लिए परिवार, विद्यालय, समाज और प्रशासन को मिलकर प्रयास करने होगें। जिला सिरमौर में प्रशासन द्वारा युवाओं में मादक पदार्थों के सेवन के हानिकारक प्रभावों की रोकथाम के लिए सक्रियता पूर्वक कार्य किए जा रहे हैं।
नशे की समस्या से निपटने के लिए सम्पूर्ण राज्य में ‘‘नशा मुक्त हिमाचल अभियान‘‘ चलाया जा रहा है। जिला सिरमौर में भी नशे की रोकथाम के लिए नशा मुक्त हिमाचल अभियान को व्यापक रूप से चलाया जा रहा है। अभियान में जिला कल्याण, शिक्षा, स्वास्थ्य, पुलिस, ग्रामीण विकास, युवा सेवाएं एवं खेल जैसे विभिन्न सरकारी विभागों सहित सभी प्रमुख हितधारकों को शामिल किया गया है। जिला में अभियान की सफलता के लिए विभिन्न शिक्षण संस्थानों व कार्यालयों के माध्यम से जागरूकता शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। अभियान के तहत युवाओं को मादक पदार्थों के सेवन के दुष्प्रभाव के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए सक्रियता से कार्य किया जा रहा है।
नशे की रोकथाम में जागरूकता सबसे सशक्त हथियार है। नशे के दुष्प्रभाव की सही जानकारी के लिए शिक्षण संस्थानों में स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सकों व पैरा मेडिकल स्टाफ द्वारा परामर्श एवं जागरूकता सत्र भी आयोजित किए जा रहे हैं।
नशे के विरूद्ध लोगों की सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए जिला पुलिस एवं स्काउट एंड गाईड द्वारा ‘‘जीवन ज्योति’’ अभियान भी चलाया जा रहा है, जिसके अंतर्गत जन जागरूकता रैली, नुक्कड़ नाटक, परामर्श आदि गतिविधियां आयोजित की जा रही है। इसके अतिरिक्त, किसानों को अफीम व भांग की अवैध खेती के बारे में जागरूकता शिविर आयोजित कर जानकारी प्रदान की जा रही है।
जिला सिरमौर में नशीली दवाआेंं के दुष्प्रभाव को रोकने के लिए राष्ट्रीय नार्को समन्वय के तहत जिला स्तरीय समिति भी गठित की गई है। समिति द्वारा मादक पदार्थो से निपटने वाली कानून प्रवर्तन एजेसिंयों के बीच प्रभावी समन्वय स्थापित कर उनके सहयोग से ड्रग्स के खतरे से प्रभावी ढंग से निपटा जा रहा है। जिला में अवैध भांग व अफीम की खेती पर रोक के लिए विभागां द्वारा निरंतर दौरे किए जा रहे हैं तथा जिला के विभिन्न क्षेत्रों में प्राकृतिक रूप से उगी भांग को उखाड़ने का कार्य भी किया जा रहा है।
नशा मुक्त समाज के लिए नशे से पीड़ित व्यक्ति के प्रति सहयोग एवं संवेदनशीलता अपनाना जरूरी है। नशे से पीड़ित व्यक्ति को चिकित्सा व परामर्श की आवश्यकता होती है, जिसके लिए पुनर्वास तथा सकारात्मक वातावरण अनिवार्य है। जिला सिरमौर में नशे की लत से जूझ रहे व्यक्तियों को उपचार, परामर्श और पुनर्वास सेवाएं प्रदान की जा रही है, ताकि वे एक स्वस्थ और आत्मनिर्भर जीवन जी सके। जिला सिरमौर में 6 नशा मुक्ति केन्द्र स्थापित हैं। इसके अलावा, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पांवटा साहिब तथा डॉ.वाई.एस.परमार चिकित्सा महाविद्यालय नाहन में ड्रग डी-एडिक्शन बिस्तरों की सुविधा भी उपलब्ध है।
आपसी सहयोग एवं संवेदनशीलता से ही समाज को नशा मुक्त बनाया जा सकता है। नशा विरोधी अभियानों की जानकारी एन.सी.बी. मानस पोर्टल तथा टॅाल फ्री नम्बर 1933 व उमंग ऐप पर सांझा करने के लिए लोगों को जागरूक व प्रेरित भी किया जा रहा है।
मेरा युवाओं से आग्रह है कि वह स्वस्थ, सशक्त और प्रगतिशील राष्ट्र निर्माण के लिए नशे से दूर रहकर शिक्षा, खेल व अन्य सकारात्मक गतिविधियों की ओर अग्रसर होने का संकल्प लें।