9वीं कक्षा की छात्रा से नीचता, जबरन गाड़ी में बैठा कर सुनसान जगह ले गया था आरोपी

Khabron wala 

देवभूमि कहे जाने वाले हिमाचल प्रदेश में अब आए दिन हत्या, दुष्कर्म जैसे मामले सामने आने लगे हैं। ऐसा ही एक दुष्कर्म का मामला हिमाचल की राजधानी शिमला से सामने आया है। यहां 9वीं कक्षा की छात्रा को आरोपी ने ना सिर्फ जबदरस्ती अगवा किया, बल्कि उसकी इज्जत को भी तार तार कर दिया। मामला सामने आने के बाद अब लोगों में डर का माहौल है।

9वीं कक्षा की छात्रा से दुष्कर्म

दरअसल राजधानी शिमला के सुन्नी उपमंडल में एक किशोरी स्कूली छात्रा के साथ कथित रूप से दुष्कर्म का मामला सामने आया है। इस मामले में पुलिस ने आरोपी के विरुद्ध पोक्सो एक्ट सहित अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस आरोपी की तलाश में जुट गई है और उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही आरोपी पुलिस की हिरासत में होगा।

मिली जानकारी के अनुसार 9वीं कक्षा में पढ़ने वाली एक छात्रा की मां ने सुन्नी थाना में शिकायत दर्ज कराई है। अपनी शिकायत में महिला ने बताया कि एक युवक उनकी बेटी को अपनी पिकअप गाड़ी में जबरन बैठाकर सुनसान स्थान पर ले गया और वहां उसके साथ जबरन शारीरिक संबंध बनाए। घटना के बाद पीड़िता ने घर पहुंचकर मां को इसकी जानकारी दी, जिसके बाद पीड़िता की मां ने पुलिस में मामला दर्ज करवाया।

पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए एफआईआर दर्ज की है और आरोपी की तलाश में छापेमारी की जा रही है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पीड़िता के बयान दर्ज कर जांच तेज कर दी गई है और जल्द ही आरोपी को हिरासत में लेकर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

यह घटना राज्य में महिलाओं और नाबालिगों के साथ हो रहे अपराधों को लेकर गंभीर सवाल खड़े करती है। पिछले कुछ समय से हिमाचल प्रदेश के विभिन्न जिलों से इस तरह के मामले लगातार सामने आ रहे हैं, जिससे स्थानीय लोगों में आक्रोश और चिंता दोनों है। सामाजिक संगठनों ने भी सरकार और प्रशासन से मांग की है कि महिलाओं व युवतियों की सुरक्षा के लिए और अधिक सख्त कदम उठाए जाएं।

लोगों का कहना है कि प्रदेश में बढ़ रहे इस तरह के मामलों को देखते हुए अब अपनी बेटियों को अकेले स्कूल भेजने से भी डर लग रहा है। महिला अधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि स्कूल.कॉलेज जाने वाली छात्राओं के लिए सुरक्षित परिवहन, ग्रामीण क्षेत्रों में सीसीटीवी कवरेज और तेज़ ट्रायल जैसी व्यवस्थाएं अब समय की जरूरत हैं। विशेषज्ञों ने चेताया है कि अगर त्वरित कार्रवाई नहीं की गई तो इस तरह की घटनाएं समाज में भय और असुरक्षा की भावना को और गहरा सकती हैं।

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