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• मोटरसाइकिल नंबर एचपी-71-5062 पर दो फेरों में 17.80 मीट्रिक टन और मोटरसाइकल नंबर एचपी-71-6233 पर दो चक्कर में 8 मीट्रिक टन रेता रोड़ी की ढुलाई कर दी गई
• भाजपा सरकार से मांग करती हैं कि इस भ्रष्टाचार के मामले के लिए एक हाई लेवल कमेटी का गठन किया जाए जिसमें एक उच्चतम अधिकारी और न्यायाधीश सदस्य हो।
शिमला, भाजपा प्रदेश प्रवक्ता एवं विधायक बलबीर वर्मा ने कहा कि सुक्खू सरकार में करिश्में, मोटर साइकिल पर ढोई गई टनों एक हिसाब से रेता बजरी। कांग्रेस पार्टी भ्रष्टाचार की चैंपियन है और स्कूटर पर सेब, चमत्कारी खच्चर पर टनों की रोड़ी रेता, स्कूटर मोटरसाइकिल पर पानी, मोटरसाइक से जेसीबी का काम लेना इनका ट्रेंड है।
वर्मा ने सिरमौर के एक कांग्रेस नेता, रामपुर भारापुर पंचायत कि भ्रष्टाचार का खुलासा करते हुए कहा कि आरटीआई के माध्यम से प्राप्त सबूतों के आधार पर हम सीधा-सीधा आरोप लगाना चाहते हैं की सिरमौर में रामपुर भारापुर पंचायत में स्कूटर और छोटी गाड़ियों में टनों के हिसाब से रेता, रोड़ी, गटका और सीमेंट ढोया गया है। इसी के साथ-साथ फर्जी बिल बनाकर सरकारी खजाने से ठेकेदार के खाते में भुगतान भी किया गया है।
वर्मा ने खुलासा करते हुए कहा की मोटरसाइकिल नंबर एचपी-71-5062 पर दो फेरों में 17.80 मीट्रिक टन और मोटरसाइकल नंबर एचपी-71-6233 पर दो चक्कर में 8 मीट्रिक टन रेता रोड़ी की ढुलाई कर दी गई। इसका प्रमाण आरटीआई के माध्यम से लिए गए कागजात जो कि संलग्न है। साथ ही एक 945 किलो कैपेसिटी वाली गाड़ी एचपी-71-4878 मैं 21.70 मेट्रिक टन रोड़ी की ढुलाई कर दी गई।
उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार केवल यही नहीं रुका एक ही प्रकार के दो-दो बिल एक ही ठेकेदार के नाम पर क्लियर कर दिए गए। ठेकेदार की बिल संख्या 154 और 152 किस प्रमाण है, जिसमें रेता, बजरी और गटका एक समान भेजा गया है जिसका भुगतान भी हुआ है। एक और चीज देखने योग्य है 2022 में सीमेंट की ढुलाई 2998 रुपए के हिसाब से की गई है और 2024 में इसी सीमेंट की ढुलाई 1534 रु के हिसाब से की गई है, जहां महंगाई बढ़ रही है तो ऐसा कैसे हो सकता है की धुलाई के दाम कम हो गए।
कुल मिलाकर यह सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी का दिया गया संरक्षण के माध्यम से भ्रष्टाचार है, और अगर इस कृत्य की एक हाई लेवल इंक्वारी हो तो यह करोड़ का भ्रष्टाचार निकलकर आएगा। हम सरकार से मांग करते हैं कि इस भ्रष्टाचार के मामले के लिए एक हाई लेवल कमेटी का गठन किया जाए जिसमें एक उच्चतम अधिकारी और न्यायाधीश सदस्य हो। मामला बड़ा है तो बड़ी इंक्वारी होनी चाहिए।