( जसवीर सिंह हंस ) यह बात जगजाहिर है कि सुखराम धूमल गुट के ही नेता है। सुखराम धूमल के करीबियों में गिने जाते है। ऐसे में यदि प्रदेश के सीएम जय राम ठाकुर द्वारा उनको खुड़े लाइन लगाने कि बाते सामने आ रही थी , तो भविष्य में काफी बदलाव सामने आ सकते है, जिसमें धूमल के नजदीकी लोगों को परेशानी उठानी पड़ सकती है । गोरतलब है कि प्रदेश में विधानसभा चुनावो के बाद सुखराम चौधरी ने कहा था कि वह अपना त्याग पत्र देने को तैयार है , ताकि प्रेम कुमार धूमल पांवटा साहिब से चुनाव लड़ कर हिमाचल प्रदेश में बतौर सीएम कमान संभाल सकें ।
सुखराम के भतीजे ने तो सोशल मिडिया पर सरेआम लिखा था कि प्रो. प्रेम कुमार धूमल के लिए नवनिर्वाचित विधायक चौधरी सुखराम अपना त्याग पत्र देने को तैयार हैं, ताकि प्रेम कुमार धूमल यहां से चुनाव लड़ कर प्रदेश की कमान संभालें । बेशक जनता ने बीजेपी के सी.एम. पद के उम्मीदवार प्रेम कुमार धूमल को नकार दिया था लेकिन पार्टी के चापलूस नेता उन्हें ही सी.एम. बनाने पर उतारू थे । वही सुखराम चौधरी अनुराग ठाकुर के भी मन्त्र पढ़ते आये है व प्रदेश में इस समय धूमल व अनुराग ठाकुर खुद बेकफुट पर है |
वही शहर में चर्चा है कि सुखराम चौधरी कि सरकार में पूछ नहीं है व पांवटा साहिब के लोग भी ट्रान्सफर के लिए जिले के दुसरे नेताओ के पास जा रहे है | आज निगम और बोर्डों में हुई नेताओ की हुई ताजपोशी के बाद सुखराम चौधरी को कोई पद नहीं मिलने से इस बात पर मोहर लग गयी है | वही विधानसभा चुनाव में पाँवटा साहिब में भाजपा से टिकट के दर्जनों दावेदार थे यदि सुखराम को कोई पद दिया गया तो ये लोग नाराज हो जाते व ये सब लोकसभा चुनाव में भाजपा को नुकसान दे सकता है क्यूंकि इस फूट से भाजपा को लीड लेने में कठिनाई आएगी |