शनिवार देर रात को भाजपा द्वारा घोषित हिमाचल प्रदेश के चारो लोक सभा प्रत्याशियों की घोषणा के बाद जिला सिरमौर में हलचल तेज हो गई है। भाजपा ने पहली बार जिला सिरमौर को लोकसभा चुनाव में किसी उम्मीदवार को प्रत्यायाशी बनाया है। वहीं पच्छाद के विधायक की जीतने की उम्मीद लगाकर दूसरी लाइन के कई नेताओं ने विधायक बनने के लिए जुगाड़ बिठाने शुरू कर दिए हैं।
रविवार को पूरा दिन भर पच्छाद विधानसभा क्षेत्र से चर्चा रही कि वर्तमान विधायक सुरेश कश्यप के लोकसभा में चले जाने के बाद विधायक पद से त्यागपत्र देना के बाद अगला उम्मीदवार कौन होगा। आगामी कुछ माह में उपचुनाव होगा। इस उपचुनाव के लिए अभी से कांग्रेस और भाजपा में कई प्रत्याशियों ने अपनी अपनी गोटियां फिट करने शुरू कर दी हैं। सुरेश कश्यप के लोकसभा का चुनाव जीतते ही, भाजपा की ओर से तीन बार की जिला परिषद सदस्य व पूर्व जिला परिषद चेयरमैन दयाल प्यारी कश्यप अपनी विधानसभा चुनाव के लिए दावेदारी प्रबल मान रही है।
क्योंकि दयाल पयारी को पार्टी हाईकमान ने 2017 के चुनाव में यह आश्वासन दिया था कि उन्हें भविष्य में विधायक का टिकट दिया जाएगा। वहीं भाजपा कोटला बरोग से भाजपा के कार्यकर्ता बलदेव कश्यप, राजेश तोमर पर दांव खेल सकती है। एक भाजपा पदाधिकारी का कहना है कि संभावना तो यह भी जताई जा रही है कि सुरेश कश्यप के सांसद बनने के बाद उसी के ही एक रिश्तेदार को नौकरी से त्यागपत्र दिला कर पच्छाद से उपचुनाव में प्रत्याशी बनाया जायेगा। जबकि कांग्रेस में सात बार विधायक रहे व दो बार हारे गंगू राम मुसाफिर जिस तरह से सक्रिय है। उससे लगता है कि एक बार फिर चुनाव लडने की तैयारी कर रहे हो। इसके अतिरिक्त कांग्रेस में नगर पंचायत के पूर्व अध्यक्ष दिनेश आर्य भी कांग्रेस पार्टी के टिकट की दौड़ में शामिल होगे। क्योंकि दिनेश आर्य की अपनी बिरादरी में अच्छी पेंट है। इसके अतिरिक्त राजगढ़ से गत चुनाव में निर्दलीय चुनाव लडऩे वाले रतन कश्यप भी एक बार फिर अपना भाग्य आजमाने की कोशिश करेंगे।
कांग्रेस प्रत्याशी की घोषणा के बाद तय होगी जंग : प्रदेश कांग्रेस पदाधिकारियों से प्राप्त जानकारी के अनुसार सोमवार को कांग्रेस के प्रत्याशियों की घोषणा के बाद जंग तय होगी। कांग्रेस पार्टी सोमवार देर रात को हिमाचल के प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर सकती है। शिमला संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस का प्रत्याशी होगा और कितना कड़ा मुकाबला होगा। यह प्रत्याशी के नाम की घोषण के बाद ही तय होगा। कांग्रेस की सूची में डॉ. धनीराम शांडिल, विनोद सुल्तानपुरी व अमित नंदा, जीआर मुसाफिर मुख्य नाम शामिल है। कांग्रेस यदि पूर्व मंत्री पूर्व सांसद डॉ. धनीराम शांडिल को लोकसभा चुनाव में उतारती है, तो यहां मुकाबला कांटे का होगा। क्योंकि दोनों ही प्रत्याशी भूतपूर्व सैनिक व कोली बिरादरी से होंगे। क्योंकि शिमला संसदीय क्षेत्र आरक्षित होने के बाद से जातिवाद समीकरण बहुत हावी रहे हैं। आज तक जितने भी सांसद रहे हैं। वह सभी कोली बिरादरी के है। इसके अतिरिक्त जब भी किसी पार्टी ने कोली बिरादरी के अतिरिक्त किसी और को टिकट दिया। तो वह चुनाव नहीं जीता। क्योंकि शिमला संसदीय क्षेत्र में 45 प्रतिशत वोट कोली बिरादरी के हैं।