( जसवीर सिंह हंस ) विधायक राजेन्द्र गर्ग ने विधानसभा सत्र में कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में सरकार द्वारा लगाए गए टी0सी0पी एक्ट के कारण लोगों को घर-मकान बनाने में दिक्कतें आ रही है। उन्होंने कहा कि टी0सी0पी0 एक्ट अभी तक शहरों में ही प्रभावशाली तरीके से नहीं लगा है इसके बावजूद इसको गांव में भी लगा दिया है। उन्होंने घुमारवीं विधानसभा क्षेत्र की बात रखते हुए कहा कि कन्दरौर से आगे घुमारवीं और तरघेल तक लगभग 28-30 कि0मी0 लम्बें क्षेत्र टी0सी0पी एक्ट लगाया गया है जिसमें 12 पंचायतों के लगभग 65 गांवों की लगभग 25 से 30 हजार आबादी प्रभावित है।
उन्होंने कहा कि नियम के अनुसार एन0एच से डेढ सौ मीटर के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र को लिया जाता है। मगर इसमें गांव की जो लिस्ट प्रकाशित हुई उसमें दो-दो कि0मी0 तक के गांव शमिल किए गए है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में इन पंचायतों के किसानों के पास 2-2 या 3-3 बीस्वा ज़मीन है। यदि वह टी0सी0पी एक्ट के तहत मकान बनाना चाहेंगे तो उनका सपना पूरा नही होगा।
उन्होंने कहा कि टी0सी0पी एक्ट तो लगा दिया गया मगर इसको लागू करने के लिए जो धरातल चाहिए वह उपलब्ध नहीं है। ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी सैटलमैंट नही हुआ है। वहां सारा क्षेत्र अनकंसोलिडेटिड हैं जिसको मुस्तरका कहते है उसमें एक-एक ज़मीन के 5-10 से लेकर 80-80 लोग हिस्सेदार है। यदि लोग नक्शा पास करवाने के लिए जाएंगे तो उनका नक्शा कभी पास नही हो पाएगा क्योंकि इतने लोगों को इकट्ठा करना मुश्किल होता है और उन्हें नक्शा पास करवाने के लिए जिला मुख्यालय जाना पड़ेगा।
उन्होंने सरकार से निवेदन किया कि इन सारी बातों को ध्यान में रख कर ग्राम पंचायतों के गांवों को टी0सी0पी0 एक्ट से मुक्त रखा जाए और वहां ग्राम पंचायतों के नियमों को ही प्रभावी तरीके से लागू करें। उन्होंने कहा कि जब यह टी0सी0पी0 एक्ट लगाया गया तो इसके लिए पंचायतों को भी विश्वास में नहीं लिया गया। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायतें टी0सी0पी0 एक्ट के तहत आ जाएगी तो हाऊस टैक्स आदि सारी बातें ग्राम पंचायतों के साथ जुड़ती जाएंगी और टी0सी0पी0 एक्ट के तहत एरिया पंचायतों से भी कटेगा और नगर परिषदों के अधीन आ जाएगा। उन्होंने कहा कि नगर परिषदों के भारी भरकम नियम है उन्होंने कहा कि इन सभी बातों को ध्यान में रखतें हुए ग्रामीण क्षेत्रों से टी0सी0पी0 एक्ट हटाया जाए। टी0सी0पी0 एक्ट ऐसी जगहों में लगना चाहिए जहां ज़मीने खाली है।
जहां पहले से बस्तियां बनी हुई है उन बस्तियों को कहां ले जाएगे। उन्होंने कहा कि एक बस्ती के बीच अगर किसी को अपना मकान फिर से बनाना है और वहां टी0पी0सी0 एक्ट लगा हुआ हो तो उस व्यक्ति को टी0सी0पी0 एक्ट के सारे नियमों का पालन करना पड़ेगा तभी वह अपने घर को रेनोवेट या फिर से बना पाएगा। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में किसी ने अपना मकान दो-तीन या चार बिस्वा में बनाया हुआ है। यह सारी मुश्किलें वहां पर उनको आने वाली है। उन्होंने कहा कि जो नगर परिषदें है वहां पर टी0सी0पी का कोई अधिकारी नहीं है वहां पर नगर परिषदों के ई0ओ0 को पाॅवर डेलीगेट कर दी गई है लेकिन वहां के स्टाॅफ और ई0ओ0 को टी0सी0पी0 की कोई जानकारी नहीं होती और न ही उन्हें किसी प्रकार का प्रशिक्षण दिया गया है।
उन्होंने कहा कि नगर परिषदों को टी0सी0पी0 एक्ट के तहत लाकर यह वहां के लोगों के लिए परेशानी का सबव बना हुआ है क्योंकि कई लोगों के घर 15-15 या 20-20 साल पहले बने हुए हैं। अगर व्यक्ति अपने घर को किसी कारण से रेनोवेट या फिर से बनाना चाहता है तो टी0सी0पी0 विभाग के पास ही जाना पड़ेगा। अब तो लोग 4 बिस्वा से कम ज़मीन पर मकान नहीं बना पाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के अंदर जितनी भी ऐसी ग्राम पंचायतें है जिनमें टी0सी0पी0 एक्ट लगा हुआ है उनको इस टी0सी0पी0 एक्ट से मुक्त किया जाए। उन्होंने बताया कि सरकार ने ऐसा पहले भी किया है, श्री नैना देवी जी क्षेत्र में जो ग्रामीण क्षेत्र हैं उसको भी टी0सी0पी एक्ट से हटाया गया है।