जिला सिरमौर में टिड्डी दल समूह के प्रवेश करने की आशंका है जिसके मद्देनजर जिला के किसानों व बागवानों को सावधानी बरतने की आवश्यकता है। यह जानकारी उपायुक्त सिरमौर डॉ0आर0के0परूथी ने दी।
उन्होंने बताया कि भारत में टिड्डी दल का समूह पाकिस्तान की तरफ से राजस्थान के रास्ते प्रवेश कर गया है। यह टिड्डी दल हवा के साथ या स्वयं उड़कर क्षेत्र विशेष में पहुंचता है तथा जब किसी क्षेत्र में पहुंचता है तो वहा प्रत्येक प्रकार की हरी पत्तियों व फसलों को तबाह कर देता है। टिड्डी दल का समूह लगभग 20 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से एक दिन में 150 से 200 किलोमीटर तक की दुरी तय कर लेता है। इनका समूह एक वर्ग किलोमीटर से कई सौ किलोमीटर तक का होता है। यह समूह दिन में उड़ता है तथा रात को पेड़-पौधों पर बैठकर विश्राम करता है। ऐसे में टिड्डी दल जिला में प्रवेश करता है तो किसान व बागवानो को सावधानी बरतनी होगी।
फसलों को टिड्डी दल के हमले से बचाने के कृषि विभाग के उपनिदेशक डॉ0राजेश कौशिक ने बताया कि सभी किसान व बागवान अपने खेतों और आस पास के क्षेत्र का नियमित सर्वेक्षण करें ताकि टिड्डी दल के आक्रमण की सुचना तुरंत प्राप्त हो सके। टिड्डी दल के प्रवेश होने के बाद उन्हें अपने खेतों या आसपास रात को विश्राम करने से रोकें या तुरन्त रसायनों के प्रयोग करें। इसके अतिरिक्त, सामूहिक स्तर पर ढोल-नगाड़े, ड्रम, घंटी अथवा बर्तन इत्यादि बजाकर उन्हें अपनी फसलों से दूर भगाये। खेत के साथ लगते क्षेत्र में एक स्थान पर नियंत्रित आग जलाएं ताकि टिड्डियाँ आग की तरफ आकर्षित हों तथा आग में झुलस कर मर जाएं।
टिड्डी दल के समूह पर कलोरपायरीफोस 20 ईसी का 2.5 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी में मिलाकर अथवा मेलाथियान 50 ईसी का 3.7 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी में मिलाकर या लैम्बडा सायहेलोथ्रिन 4.9 प्रतिशत सीएस का 1 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी में मिलाकर ट्रेक्टर माउंटेड स्प्रेयर अथवा रोकेट स्प्रेयर से छिड़काव शाम अथवा रात के समय करें क्योंकि टिड्डियां रात के समय बैठकर आराम करती हैं।