हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर में स्थित आद्योगिक क्षेत्र काला आम्ब में बैटरी बनाने वाली एक कम्पनी को 29 लाख का चूना लगा बनाया था ठगी का शिकार। काला आम्ब में स्थित बैटरी की एक फैक्ट्री में पुरानी बैटरियों को खरीद कर उनमे से लेड(सिक्के) को दोबारा प्रयोग करने लायक बनाया जाता है। कम्पनी के मालिक को ठगों द्वारा फोन करके पुरानी बैटरी 70 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बेचने के बारे में बतलाया गया। कम्पनी मालिक ने भी इस सौदे में दिल चस्पि दिखाई और बैटरियां खरीदने के लिए हां करदी।
बैटरियों का कुल वज़न 40 मीट्रिक टन के आस पास था जिसकी कीमत लाखों में थी। ठगों नें मालिक को विश्वास में लेने के लिए GST No व कुछ अन्य कागज़ात भी भेजे व ट्रक में लोड बैटरियां की photos भी भेजी। मालिक को ठगों नें राशि बैंक खाते में डलवाने के लिए कहा। जिस पर कम्पनी मालिक ने ठगों के कहने पर अलग अलग किश्तों में कुल 29 लाख रुपये उनके खाते में डाल दिये। पर कई दिन बीत जाने के बाद भी बैटरियों की डिलीवरी नही मिली व मोबाइल नम्बर भी बंद आने लगा जिस पर कम्पनी मालिक ने थाना काला आम्ब में इसके बारे में सूचना दी व थाना में मु. न. 5/19 U/S 420 IPC इसके सम्बन्ध में पंजीकृत किया गया।
जिसमें साइबर सेल नाहन व थाना काला अम्ब की टीम ने सभी आवश्यक कार्यवाहियों को अमल में लाते हुए इस गैंग के मुख्य सरगना को कोलकाता के बर्राकपोर से गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। गैंग के मुख्य सरगना का नाम प्रशांत गुप्ता है जो ठगी के कार्यों में काफी सक्रिय है इसके अन्य तीन साथियों विकास गुप्ता, पंकज पांडे, व कमल कुमार गुप्ता पहले ही पकड़े जा चुके थे। टीम में थाना काला आम्ब से मुख्य आरक्षी बलबीर सिंह, आरक्षी जितेंद्र व साइबर शाखा नाहन से आरक्षी सुरेंद्र दत्त व अमरेंद्र सिंह शामिल थे।