एजेंट ने युवक को थाईलैंड में नौकरी के बहाने म्यांमार भेजा, फिर बनाया बंधक, जानें कैसे जिंदा लौटा हिमाचल का बेटा

Khabron wala

उपमंडल जोगिंद्रनगर में कबूतरबाजी और धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। थाईलैंड में नौकरी दिलाने का झांसा देकर एक युवक को अवैध रूप से म्यांमार भेज दिया गया, जहां उसे 2 माह बंधक बनाकर न केवल जबरन काम करवाया गया, बल्कि मानसिक और शारीरिक रूप से भी प्रताड़ित किया गया।

पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने कांगड़ा जिले के एक एजेंट के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस थाना जोगिंद्रनगर में दर्ज शिकायत के अनुसार प्रिंस ठाकुर (24) पुत्र पवन कुमार निवासी गांव राजा चौंतड़ा ने बताया कि वरयाम सिंह निवासी हारचक्कियां, शाहपुर (जिला कांगड़ा) ने उसे थाईलैंड में आकर्षक नौकरी दिलाने का भरोसा दिलाया। बेहतर भविष्य के सपने दिखाकर आरोपी ने युवक को अपने जाल में फंसाया और कानूनी प्रक्रिया की अनदेखी करते हुए उसे थाईलैंड की बजाय म्यांमार भेज दिया।

युवक ने बताया कि म्यांमार पहुंचते ही उसे बंधक बना लिया गया और वहां उससे जबरन काम करवाया गया। विरोध करने पर उसके साथ अमानवीय व्यवहार किया गया। आरोप हैं कि उसे छोड़ने की एवज में 5 लाख रुपए की फिरौती मांगी गई। हालात इतने भयावह थे कि उसकी जान पर बन आई थी।

सेना ने करवाया मुक्त, भेजा वापस

युवक की किस्मत उस समय बदली जब म्यांमार की सेना द्वारा क्षेत्र में एक विशेष अभियान चलाया गया। इस ऑप्रेशन के दौरान प्रिंस ठाकुर को बंधन से मुक्त करवाया गया और बाद में उसे सुरक्षित भारत भेजा गया। वतन वापसी के बाद पीड़ित ने आरोपी एजेंट के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की है।

सूत्रों के अनुसार जोगिंद्रनगर पुलिस ने पीड़ित की शिकायत के आधार पर आरोपी वरयाम सिंह के खिलाफ धोखाधड़ी, मानव तस्करी और अन्य गंभीर धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच अब धर्मशाला पुलिस को सौंप दी गई है। पुलिस का कहना है कि पूरे नैटवर्क की भी जांच की जा रही है, ताकि भविष्य में ऐसे मामलों पर प्रभावी अंकुश लगाया जा सके।

 

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