Khabron wala
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डा. राजीव बिन्दल ने कहा कि नाहन विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस की सरकार व कांग्रेस के विधायक आने के बाद से ताला बन्दी के तीन साल पूरे हो चुके हैं। काला-आम का क्षेत्र भारी भरकम कामकाज का क्षेत्र है। इलाके के विकास के लिए काला-आम में उप-तहसील खोली गई, 5 पटवार सर्कल खोले गए, पालियों, जोहड़ों, नागल सुकेती, विक्रमबाग-देवनी और आमवाला-सैनवाला सारे पटवार सर्कल व उप-तहसील इसलिए बन्द कर दिए गए क्योंकि ये भाजपा द्वारा खोले गए हैं।
कांग्रेस ने काला आम की उप तहसील पर ताला जड़ा
डा बिन्दल ने कहा कि आज हर रोज सैंकड़ों ग्रामीणों को अपने काम करवाने के लिए धक्के खाने पड़ते हैं। उप-तहसील व पटवार सर्कल बन्द करके कांग्रेस की सरकार ने काला-आम इलाके को क्या दिखा है ? खनन माफिया, खोद डाली नदियां, पहाड, तोड़ डाली सड़कें व पुल, विध्वंस कर दी सीवरेज व पेयजल योजनाएं, गंद के ढेर में तबदील कर दिया काला-आम क्षेत्र को। मोगीनंद, काला-आम, ओगली, नागल सुकेती, जोहड़ो, जाटांवाला त्रिलोकपुर की सभी सड़कों का बेड़ा गर्क कर दिया, ये तीन साल ताला बन्दी के तीन साल।
स्वास्थ्य संस्थानों पर भी जड़े ताले-मरीज उपचार के लिए ठोकरें खा रहे
डॉ. बिन्दल ने कहा कि सरकार आती है, अस्पताल व स्कूल खुलते हैं, नई चहल-पहल होती है परन्तु कांग्रेस की सरकार व माननीय विधायक जी ने पीएचसी व स्कूल खुलवाना तो दूर, बन्द करने का दौर चला रखा है। पंजाहल में शानदार पीएचसी बनाई थी, डॉक्टर मरीजों का इलाज कर रहा था, त्रिलोकपुर में पीएचसी खोली थी डॉक्टर रोगियों की सेवा कर रहा था, सैनवाला-मुबारिकपुर में पीएचसी खोली थी, डॉक्टर इलाज कर रहा था, तीनो पीएचसी पर ताले लगा दिए, आज मरीज दर-दर की ठोकरें खा रहे हें। कोई पूछने वाला नहीं है, कोई बोलने वाला नहीं है, कोई जवाब नहीं है। जनता पूछना चाहती है कि ये तीन पीएचसी व एक भारापुर की सीएचसी बन्द क्यों की गई ? जनता से क्या दुश्मनी थी। किसी भी सरकार में एक नई पीएचसी खुलवाना बहुत बड़ा काम होता है। बड़ी हिम्मत से ये खुलवाई गई थी जिन्हें बंद कर दिया गया।
पशुओं का उपचार करने वाले वैटनरी भी हुये बंद
पशुओं के इलाज के लिए, किसानो की सेवा के लिए 3 वैटनरी डिस्पेंसरी पूर्व भाजपा सरकार में खोली गई थी। नलका-समालका में, देवका-पुडला में व क्यारी में तीनो वैटनरी पर ताला टांग दिया। किसानो को बेहाल कर दिया, इतना ही नहीं बरसों से चली हुई जमटा व दघेड़ा की वैटनेरी भी बंद करवाने का यश कांग्रेस सरकार व माननीय विधायक ने प्राप्त किया।
पता नहीं कब किस स्कूल में कांग्रेस सरकार ताला जड़ दे
डॉ. बिन्दल ने कहा कि स्कूलों पर ताला लगाने का काम भी तेज गति से चल रहा है। 5 स्कूल पिछले तीन सालों में बंद कर दिए हैं, केवल नाहन विधानसभा क्षेत्र के और अभी कितने स्कूलों पर ताला लगेगा, इंतजार बाकि है। न जाने क्या दुश्मनी है नाहन के लोगों से कांग्रेस पार्टी की, कांग्रेस सरकार की जो नाहन के मैडिकल कॉलेज व अस्पताल पर ताला लगाने में पूरी ताकत झांेक दी है।
नाहन मेडिकल कॉलेज में भी हुई तालाबंदी
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि डिकल कॉलेज व अस्पताल निर्माण के लिए 261 करोड़ रुपये केन्द्र की मोदी सरकार द्वारा दिए गए हैं। 300 बिस्तरों के अस्पताल निर्माण एवं संचालन के लिए नाहन में 120 बीघा जमीन मैडिकल कॉलेज के नाम है। 200 बिस्तरों का अस्पताल बना हुआ है, 300 बिस्तरों के अस्पताल के लिए 11 मंजिल के 2 भवन बनाए जा रहे थे जिसमें से एक भवन 7 मंजिल बन भी चुका है, वन विभाग की स्वीकृतियां लेने के बाद पेड़ काटे जा चुके हैं, लाखों लीटर पानी का टैंक व व्यवस्था की जा चुकी है परन्तु 3 साल से अस्पताल निर्माण का काम बंद पड़ा है और एकाएक ताला लगाने का फरमान जारी कर दिया है। 3 साल में नया अस्पताल बन कर तैयार हो जाता या मुख्यमंत्री उद्घाटन करते, जनता को समर्पित करते, जनता आशीर्वाद देती।
कांग्रेस सरकार के तीन वर्षों में मेडिकल कॉलेज में एक इंट नहीं लगी
डॉ. बिन्दल ने कहा कि 3 वर्षों में एक भी ईंट मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में नहीं लगी है, जो नाहन की जनता के साथ बड़ा अन्याय व धोखा है। मरीजों की लम्बी कतारें, बैठने की व्यवस्था का अभाव, विशेषज्ञों के लिए स्थान का अभाव, आईसीयू का अभाव ये सब 3 वर्षों में दूर होेने चाहिए थे, जो नहीं हुए।
माता व शिशु अस्पताल निर्माण के लिए 21 करोड़ रू0 केन्द्र की मोदी सरकार ने, श्री जगत प्रकाश नड्डा जी ने दिए हुए हैं, स्थान चयनित था, फॉरेस्ट क्लीयरेंस व पेड़ काटे जा चुके हैं परन्तु 3 साल में वो पैसा भी खुर्द-फुर्द कर दिया गया। जच्चा-बच्चा के लिए बनने वाला अस्पताल भी मिट्टी कर दिया गया। 70 करोड़ रू0 नर्सिंग कॉलेज निर्माण के लिए भाजपा की सरकार ने 2 वर्ष पूर्व से स्वीकृत किया है, आज तक उस पर एक भी ईंट नहीं लगाई गई है। नाहन के विकास के नाम पर धोखा किया जा रहा है।
नई जगह पर मेडिकल कॉलेज बनाने का निर्णय तकसंगत नहीं
डॉ. बिन्दल ने कहा कि 3 साल बीत जाने पर यह फैसला आ रहा है कि नई जगह पर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल बनाया जाएगा। कब वन विभाग की स्वीकृति आएगी, कब जंगल काटा जाएगा, कब सड़कें, बिजली, पानी लगेगा, कब ड्रॉईंग बनेगी, कब टैण्डर होंगे और कब अस्पताल बनेगा, जो बना बनाया है उसे ताला लगा रहे हैं, नया कुंआ खोदंेगे, फिर पानी पीयेंगे। नाहन में आवागमन के साधन हैं, मरीजों के लिए रहने के, खाने-पीने के लिए, दवा के लिए सभी साधन मौजूद हैं।
मेडिकल कॉलेज के कर्मचारियों के लिए, नर्सिंग व पैरा मेडिकल के लिए, डॉक्टरों के लिए सभी साधन उपलब्ध हैं। नए स्थान पर सभी साधनों को खड़ा करने के लिए 1000 करोड़ रू0 की जरूरत होगी। बसे हुए स्थान को उजाड़ कर नए को बसाने की योजना बनाना दुर्भाग्यपूर्ण है, अविवेकपूर्ण है व नाहन की जनता के साथ अन्याय है, नाहन की जनता के साथ खिलवाड़ है। न जमीन की कमी है, न पार्किंग के लिए जमीन की कमी है केवल कमी है तो कुछ करने की।











