मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि परिवहन विभाग को अपनी सेवाएं स्वयं संचालित करने के दिशा में कार्य करना चाहिए ताकि लोगों को प्रभावी और समयबद्ध सेवाएं प्रदान की जा सके तथा लोगों को कार्यालय में आने की आवश्यकता न रहे। वह आज यहां परिवहन विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हालांकि सरकार ने 100 प्रतिशत सवारियों के साथ बसें चलाने की अनुमति प्रदान की है लेकिन समुचित शारीरिक दूरी और मास्क का उपयोग सुनिश्चित बनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि चालकों, परिचालकों और यात्रियांे को सुरक्षा के मापदण्डों का पूरा ध्यान रखना चाहिए।
उन्हांेने कहा कि लोगों की सुविधा के लिए राज्य में पायलट आधार पर ई-परिवहन व्यवस्था आरम्भ की जाएगी। इस परियोजना की सफलता के उपरान्त इसे पूरे राज्य में कार्यान्वित किया जाएगा। इस पहल के अन्तर्गत लोगों को परमिट के नवीनीकरण, ड्राईविंग लाईसेंस और पंजीकरण प्रमाण पत्र, सम्बन्धित गतिविधियों और प्री-पेड टैक्सी प्रबन्धन आदि की सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। इससे लोगों को सुगमता से परिवहन की सेवाओं का लाभ लेने में सहायता मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि परिवहन विभाग द्वारा महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा बढ़ाने के लिए विभिन्न नई पहलों पर विचार कर रहा है, जिसके अन्तर्गत सभी सार्वजनिक परिवहन वाहनों में स्थान आधारित टैªकिंग उपकरण की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी। इससे वाहनों की प्रभावी निगरानी में मद्द मिलेगी। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय सड़क यातायात एवं उच्च मार्ग मंत्रालय ने कमांड और कन्ट्रोल प्रणाली स्थापित करने के लिए प्रदेश के परिवहन विभाग के 5.49 करोड़ रुपये प्रदान किए हैं। इस प्रणाली को इस वर्ष के अन्त तक स्थापित कर दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमीरपुर में ट्रांसपोर्ट नगर स्थापित किया जाएगा, जिसमें ड्राईविंग टेस्ट टैªक, ड्राईविंग प्रशिक्षण केन्द्र, टैªफिक पार्क और वाहनों के रखरखाव पार्क आदि की सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। इस ट्रांसपोर्ट नगर में वाहन चालक परीक्षण और प्रशिक्षण का प्रबन्धन मूल उपकरण उत्पादकों द्वारा किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि राज्य में अन्तःस्थलीय (इनलैंड) जल यातायात को प्रोत्साहित करने की सम्भावनाएं तलाशी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि गोविन्द सागर, कोल डैम और चमेरा जलाश्यों में व्यवहार्यता रिपोर्ट संचालित की गई है। ततापानी-कसोल-सलापड़ जलमार्ग की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की जा चुकी है और इन जलमार्गों को शीघ्र आरम्भ करने के प्रयास किए जाने चाहिए।
उन्होंने यात्रियों की सुविधा के लिए अधिकारियों को विभिन्न बस अड्डों के निर्माण कार्य को निर्धारित समय में पूरा करने के निर्देश दिए।
जय राम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल पथ परिवहन निगम के बेड़े में शीघ्र ही 250 नई बसें शामिल की जाएंगी, जिनमें 100 इलैक्ट्रिक बसें भी शामिल हैं। वर्तमान में शिमला शहर में 50 और मनाली क्षेत्र में 25 इलैक्ट्रिक बसें चलाई जा रही हैं।
परिवहन मंत्री गोविन्द ठाकुर ने कहा कि पहाड़ी राज्य होने के कारण हिमाचल प्रदेश में सड़क परिवहन यातायात की जीवन रेखा है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान देश के विभिन्न राज्यों में फंसे प्रदेश के लोगों को वापिस लाने में राज्य परिवहन ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
प्रधान सचिव, परिवहन के.के. पन्त ने विभाग की विभिन्न गतिविधियों का ब्यौरा प्रस्तुत किया।
परिवहन निगम के महाप्रबन्धक युनूस और निदेशक परिवहन जे.एम. पठानिया ने इस अवसर पर विभागीय गतिविधियों पर प्रस्तुतिकरण दिया।
मुख्य सचिव अनिल खाची, प्रधान सचिव प्रबोध सक्सेना, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डाॅ. आर.एन. बत्ता, सचिव सन्दीप भटनागर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।