( धनेश गौतम )जिला कुल्लू के बंजार उपमंडल की ग्राम पंचायत चकुरठा के गांव फगवाणा को पहाड़ी से खतरा हो गया है। पहाड़ी के खतरे से गांव में रह रहे 150 से अधिक परिवारों की रातों की नींद व दिन का चैन हराम हो गया है। ग्रामीण लोगों ने बताया कि टीपरीबीड़ पहाड़ी में बड़ी-बड़ी दरारें आ गई है और पहाड़ी खिसकना शुरू हो गई है। यदि पहाड़ी गिर गई तो पूरा गांव इसकी चपेट में आएगा और भारी तबाही मचेगी।
गौर रहे कि गांव के ऊपर टीपरीबीड़ नामक पहाड़ी है और पहाड़ी पर लोगों की जमीनें भी है लेकिन पिछले कुछ वर्षों से पहाड़ी में दरारें आ गई है। अब यह दरारें गहरी होती जा रही है और खतरे का निशान बढ़ गया है। पहाड़ी के नीचे पूरा गांव बसा हुआ है और 150 से अधिक मकान है। गांव के निवासी इंद्र सिंह गुर, महेश शर्मा,देवराज विष्ट,दिवान विष्ट, युगल किशोर,रोशन ठाकुर,हुकमी राम भंडारी,प्रेम सिंह, हीरा लाल,राम सिंह आदि ने बताया कि पहाड़ी खिसकी तो सिर्फ फगवाणा गांव ही नहीं दबेगा बल्कि यहां से नीचे बाले गांव ओड़ी धार व नाउली आदि को भी भारी नुकसान होगा। गांव के लोगों ने जिला प्रशाशन व सरकार से गुहार लगाई है कि शीघ्र जिओलॉजीकल सर्वे ऑफ इंडिया की टीम से यहां का सर्वे करवाया जाए और पहाड़ी से बचने का कोई तरीका तलाशा जाए ताकि गांव के सैंकड़ों लोगों की जान बच सके और भारी नुकसान को रोका जा सके।
सनद रहे कि यह गांव धार्मिक एवं ऐतिहासिक रूप से क्षेत्र में अति महत्व रखता है। देव श्रीबड़ा छमाहूं ने इसी स्थान पर सृष्टि की रचना के बाद अवतारित दर्शन दिए थे और अपनी लीला की रचना की थी। यहां पर पीने के पानी की कमी थी और देवता ने अपने त्रिशूल को गाढ़ कर पानी के पांच चश्मे निकाले थे जो आज भी देवता की बाबड़ी के नाम से बिराजमान है। इसके अलावा गांव में देव श्रीबड़ा छमाहूं का मंदिर, भंडार, देई का मंदिर, खोडू महाराज का मंदिर, खरीहडु देवता का मंदिर व भंडार भी मौजूद है। गांव के लोगों का मुख्य व्यवसाय कृषि है और सैंकड़ों बीघा कृषि योग्य भूमि मौजूद है।
यदि पहाड़ी गिरी तो सब कुछ तबाह हो जाएगा। गांव को पहाड़ी से बहुत बड़ा खतरा हो गया है जिस कारण गांव को बचाने के लिए शीघ्र प्रयास करने होंगें। गांव के लोगों ने पहाड़ी पर जाकर जायजा लिया है देखा कि खतरा बढ़ गया है। बहरहाल गांव को बचाने के लिए प्रयास करने होंगें अन्यथा बहुत बड़ी घटना घट सकती है।