हिमाचल प्रदेश के सह प्रभारी और एआईसीसी के सचिव तेजिंदर सिंह बिट्टू ने पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा देकर भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली। उन्होंने कहा कि मैंने पंजाब के भले के लिए सोचा और भाजपा ज्वाइन की। आज पंजाब में अगर कोई सही विकल्प है जो वहां के लोगों के लिए पंजाब की तरक्की के लिए काम कर सकता है तो वो भाजपा है।
हिमाचल प्रदेश के सह प्रभारी तेजिंदर सिंह बिट्टू ने पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थाम लिया है। बिट्टू ने हिमाचल के सह प्रभारी के साथ-साथ एआईसीसी के सचिव पद से भी इस्तीफे का एलान किया
तेजिंदर सिंह के इस्तीफे से हिमाचल और पंजाब में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। साल 2021 में वह हिमाचल कांग्रेस के सह प्रभारी के रूप में नियुक्त किए गए थे। साल 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को जीत दिलाने में उन्होंने तेजिंदर ने बड़ी भूमिका अदा की थी।
हिमाचल लोकसभा चुनाव में निभाते बड़ी भूमिका
तेजिंदर मूल रूप से पंजाब के रहने वाले हैं और पंजाब कांग्रेस में भी उनकी जमकर तूती बोलती है। वह एक बड़े नेता हैं यही कारण रहा कि उन्हें हिमाचल मामलों का सह प्रभारी लगाया गया था। प्रदेश की चार लोकसभा और छह विधानसभा सीटों पर उप चुनाव के लिए कांग्रेस को उनके अनुभव का फायदा मिल सकता था। मगर उन्होंने पार्टी छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया
आखिर क्यों छोड़ी कांग्रेस
भाजपा में शामिल होने के बाद तेजिंदर पाल सिंह बिट्टू ने कहा कि मैंने कांग्रेस पार्टी में 35 साल लगाए हैं और आज मुझे लगता है कि कांग्रेस मुद्दों से भटक चुकी है। मैंने पंजाब के भले के लिए सोचा और भाजपा ज्वाइन की। आज पंजाब में अगर कोई सही विकल्प है, जो वहां के लोगों के लिए, पंजाब की तरक्की के लिए काम कर सकता है तो वो भाजपा है।