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जिला बिलासपुर में खैर तस्करों के खिलाफ पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। थाना कोट कहलूर के तहत पुलिस ने वन विभाग की टीम के साथ मिलकर एक जीप से अवैध रूप से ले जाई जा रही करीब 3 लाख रुपए की खैर की लकड़ी बरामद की है। इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
ऐसे हुआ भंडाफोड़
जानकारी के अनुसार बीती रात श्रीनयनादेवी जी पुलिस चौकी की टीम जब चलैला बोट घाट लिंक रोड पर गश्त कर रही थी तो टीम ने एक पिकअप जीप (एचपी 91ए-3765) को संदिग्ध हालत में खड़े देखा। पुलिस ने जब जीप की तलाशी ली तो उसमें खैर की लकड़ी के 33 मौछे (लॉग) लदे हुए पाए गए।
नाव से घाट पहुंचाई लकड़ी, फिर जीप से ले जा रहे थे पंजाब
प्रारंभिक जांच में पता चला है कि तस्करों ने तस्करी का एक नया तरीका अपनाया था। यह लकड़ी संभवतः झंडूता या कलोल क्षेत्र के जंगलों से काटी गई थी, जहां मौजूदा समय में खैर कटान पर प्रतिबंध है। इसे नाव के जरिए चलैला बोट घाट तक पहुंचाया गया और वहां से जीप में लादकर पंजाब में बेचने के लिए ले जाया जा रहा था।
वन विभाग की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल
इस घटना ने संबंधित क्षेत्र के वन विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इतनी बड़ी मात्रा में जंगल से खैर के पेड़ काट लिए गए, लेकिन विभागीय कर्मियों को इसकी भनक तक नहीं लगी। इससे यह आशंका भी जताई जा रही है कि तस्कर इस रास्ते का इस्तेमाल पहले भी कर चुके होंगे। पुलिस ने जब्त जीप और लकड़ी को वन विभाग के सुपुर्द कर दिया है।
पुलिस ने इन आरोपियाें काे किया गिरफ्तार
पुलिस ने मौके से जिन तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है, उनकी पहचान प्रदीप कुमार निवासी कोसरियां, तहसील झंडूता व जिला बिलासपुर, राजीव कुमार निवासी ढांगू बांगड़, तहसील झंडूता व जिला बिलासपुर और विजय कुमार निवासी भुटलार, तहसील बड़सर व जिला हमीरपुर के रूप में हुई है।
क्या कहते हैं डीएसपी बिलासपुर
पुलिस प्रवक्ता एवं डीएसपी बिलासपुर मदन धीमान ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ थाना कोट कहलूर में भारतीय न्याय संहिता की धारा 303(2), 3(5) और वन अधिनियम की धारा 41, 42 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। वहीं, वन परिक्षेत्राधिकारी स्वारघाट राकेश कुमार ने बताया कि मामले की गहनता से जांच की जा रही है कि यह लकड़ी किस जंगल से काटी गई है। जांच पूरी होने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।












