उपायुक्त, सिरमौर सुमित खिमटा की अध्यक्षता में आज यहां दस हजार किसान उत्पादक संगठन- गठन एवं संवर्धन योजना के तहत जिला स्तरीय निगरानी समिति की बैठक आयोजित हुई।
उपायुक्त ने पहले से मौजूद एफपीओ की दीर्घकालिक स्थिरता सुनिश्चित करने पर जोर देते हुए कहा कि जिला के किसानां व बागवानों को प्राकृतिक खेती के लिए प्रोत्साहित किया जाए व समय-समय पर उन्हें प्रशिक्षित भी किया जाए। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती के उत्पादों की बाजार में अधिक मांग रहती है जिससे उनकी आर्थिकी और अधिक सुदृढ़ होगी।
उपायुक्त ने कहा कि एफपीओ के व्यवसाय विकास में इनपुट लाइसेंस महत्वपूर्ण हैं और इसलिए, एफपीओ को इनपुट लाइसेंस प्राप्त करने में तेजी लाने के लिए इस अभियान का लाभ उठाना चाहिए । सभी सीबीबीओ को इनपुट लाइसेंस के लिए शीघ्र आवेदन करने की सलाह दी गई और संबंधित विभागों को प्राथमिकता के आधार पर लाइसेंस जारी करने का निर्देश दिए। बैठक में कृषि के क्षेत्र में एकत्रीकरण और प्राथमिक प्रसंस्करण में उपलब्ध अवसरों के बारे में चर्चा की गई।
बैठक का संचालन करते हुए डीडीएम नाबार्ड बिक्रमजीत सिंह ने योजना के तहत जिले में बढ़ावा दिये जा रहे 8 एफपीओ के संबंध में समिति को जानकारी दी। उन्होंने समिति को योजना के तहत गठित एफपीओ को उपलब्ध क्रेडिट गारंटी के बारे में जानकारी दी। कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार, एफपीओ को इनपुट, बीज, मंडी, जीएसटी, एफएसएसएआई जैसे विभिन्न लाइसेंस प्राप्त करने और ओएनडीसी और अन्य ई-रिटेलिंग प्लेटफार्म पर एफपीओ को रजिस्टर करने के लिए 3 महीने का विशेष अभियान शुरू किया गया है। इस संबंध में बैठक में अभियान के तहत, सरकारी एजेंसियों सहित सभी हितधारकों को अवगत कराया गया और संबन्धित विभागीय अधिकारियों के पास एफपीओ के लंबित आवेदनों की स्थिति की समीक्षा की गई ।
सभी सीबीबीओ को एफपीओ द्वारा प्राथमिक प्रसंस्करण के लिए कृषि अवसंरचना निधि के तहत प्रस्ताव जमा करने की भी सलाह दी गई ।
बैठक में उपनिदेशक कृषि डॉ. राजेंद्र ठाकुर , उपनिदेशक बागवानी डॉ. एस बक्शी , सहायक निदेशक पशुपालन डॉ. वी एस नन्दा , परियोजना निदेशक (आत्मा) डॉ. साहब सिंह, अग्रणी जिला प्रबंधक, यूको बैंक , सनोज कुमार सिंह, तथा अन्य विभागों और सीबीबीओ के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।