( जसवीर सिंह हंस ) मुख्यमंत्री श्री जय राम ठाकुर ने आज यहां उद्योग विभाग के दो वेब आधारित पोर्टल – खनन पोर्टल तथा स्टार्ट-अप पोर्टल, ऊर्जा निदेशालय का ऊर्जा लेखा सॉफटवेयर तथा राज्य अग्निशमन सेवाएं का अग्नि अनापत्ति प्रमाण पत्र के लिए ऑनलाइन पोर्टल जारी किए।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि उद्योग विभाग के भू-वैज्ञानिक शाखा के खनन पोर्टल से प्रदेश में खनन पट्टे के लिए आवेदन करने में सहायता मिलेगी। इस पोर्टल के माध्यम से आवेदनकर्ता भू-वैज्ञानिक शाखा में विभिन्न सेवाएं जैसे स्वीकृति प्रमाण पत्र, खनन पट्टा, स्टोन क्रशर, ट्रांजिट पास जारी करने, एम-फार्म ऑनलाइन आवेदन करने में सक्षम होंगे।
उन्होंने कहा कि सभी आवश्यक दस्तावेज ऑनलाइन जमा करवाए जा सकेंगे। आवेदन पत्र की वास्तविक जानकारी, निगरानी की जा सकेगी और आवेदनकर्ता को प्रत्येक स्तर पर सूचना एसएमएस, ईमेल द्वारा दी जाएगी। आवेदन की स्वीकृति मिलने के उपरान्त आवेदनकर्ता डिजिटलीय हस्ताक्षरित स्वीकृत प्रमाण पत्र को आनलाइन पोर्टल से डाउनलोड कर सकेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्योग विभाग का स्टार्ट-अप पोर्टल प्रदेश में स्टार्ट-अप संस्कृति को बढ़ावा देगा। कोई भी व्यक्ति जिसे स्टार्ट-अप की जानकारी होगी। कोई भी व्यक्ति जिसके पास र्स्टाट-अप के लिए कोई योजना अथवा धारणा है, वह इस पोर्टल पर इस योजना के पंजीकरण से संबंधित सभी जानकारियां, आवश्यक दस्तावेज, प्रदेश को बढ़ावा देने संबंधी पहल, विचार पंजीकरण, इन्क्यूबेटर सेंटर की विस्तृत जानकारी, विचारों के कापीराइट के लिए कानूनी आवश्यकताएं और अन्य संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकेगा।
इस पोर्टल के माध्यम से स्टार्ट-अप तथा इन्क्यूबेटर को सभी वित्तीय सहायता हस्तांतरित की जाएगी। स्टार्ट-अप कार्यक्रम के माध्यम से उद्योग विभाग द्वारा नियमिति रूप से कार्यशालाएं आयोजित की जाएगी। इसी प्रकार एक राज्य स्तरीय स्टार्ट-अप कार्यशाला 10 अप्रैल, 2018 शिमला में आयोजित की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन सभी सुविधाओं से प्रदेश के लोगों को विभिन्न सेवाएं बेहतर ढंग से सुगमतापूर्वक उपलब्ध करवाई जा सकेगी। उन्होंने कहा कि एनआईसी द्वारा ऊर्जा निदेशालय के लिए विकसित सॉफटवेयर से व्यावसायिक बिलिंग, अदायगी, परियोजनाओं की रायल्टी दरों में बदलाव, ऊर्जा की स्थिति और राजस्व जैसे मामलों में गुणात्मक सुधार होगा और धन की भी बचत होगी। उन्होंने कहा कि इससे वांछित डाटा आसानी से उपलब्ध होने के साथ-साथ तुलनात्मक विश्लेषणात्मक गणना में भी सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि इस प्रणाली से डाटा एंट्री में त्रुटियों के सत्यापन की जांच तेजी की जा सकेगी।
मुख्यमंत्री ने अग्निशमन सेवाएं एकल खिड़की स्वीकृति के तहत् ऑनलाइन अग्नि अनापत्ति प्रमाण पत्र पोर्टल को आरम्भ करते हुए कहा कि इस पोर्टल के माध्यम से विभिन्न संस्थानों जैसे शिक्षण, औद्योगिक तथा ज्वलशील पद्धार्थों से संबंधित प्रतिष्ठानों को राज्य अग्नि सेवा विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र व स्वीकृति ऑनलाइन प्राप्त हो सकेगी। उन्होंने कहा कि संबंधित व्यक्ति द्वारा सभी औपचारिकताओं को पूरा करने के उपरान्त मुख्य अग्निशमन अधिकारी व निदेशक राज्य अग्नि सेवाएं ऑनलाइन अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करेगा। आवेदनकर्ताओं के मोबाइल पर अनापत्ति प्रमाण पत्र से संबंधित जानकारी भेजी जाएगी और वह इसका प्रिंट ले सकेंगे। इससे लोगों को अनापत्ति प्रमाण पत्र के लिए अग्निशमन कार्यालय में जाने की आवश्यकता नहीं होगी।
उद्योग मंत्री श्री बिक्रम सिंह ने बताया कि इस पोर्टल के माध्यम से प्रदेश में अवैध खनन पर कड़ी निगरानी रखी जा सकेगी और प्रदेश को खनन से मिलने वाली रॉयल्टी में भी वृद्धि होगी। इस प्रणाली के माध्यम से खनिज पदार्थों की वास्तविक मात्रा का सही प्रकार से आकलन व निगरानी की जा सकेगा। उन्होंने कहा कि विभाग मोबाइल ऐप विकसित कर रहा है जो लोगों को अगले माह तक उपलब्ध हो जाएगी।
इस अवसर पर ऊर्जा मंत्री श्री अनिल शर्मा, शहरी विकास मंत्री श्रीमती सरवीण चौधरी, कृषि मंत्री डॉ. रामलाल मारकण्डा, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त डॉ. श्रीकांत बाल्दी, अतिरिक्त मुख्य सचिव तथा मुख्यमंत्री की प्रधान सचिव श्रीमती मनीषा नन्दा, प्रधान सचिव ऊर्जा श्री आर.डी. धीमान, उद्योग विभाग के निदेशक श्री राजेश शर्मा, ऊर्जा विभाग के निदेशक डॉ. अजय शर्मा, एडीजी(पी) एवं निदेशक अग्निशमन सेवाएं श्री एस.बी. नेगी, डीआईजी गृह रक्षक श्री अनुज तोमर भी इस अवसर पर उपस्थित थे।