( जसवीर सिंह हंस ) पांवटा साहिब में नशे से हो रही लगातार मौतों के बाद नशे पर लगाम के सरकार और पुलिस प्रशासन के दावे हुए फ़ैल साबित हो रहे है | जहा एक और नशा निवारण के लिए अधिकारी केवल मीटिंगों तक सिमित रह गये है तथा जमीनी स्तर पर नशे को रोकने के नहीं कुछ ठोस कदम नहीं उठाये जा रहे है | छोटे नशे तस्करों को गिरफ्तार कर अधिकारी केवल खानापूर्ति कर रहे है जबकि जहा से नशे कि बड़ी खेप सप्लाई हो रही है उन बड़ी मछलियों को पकड़ने में पांवटा साहिब पुलिस असफल साबित हो रही है | नशे के कैप्सूल , स्मेक , गोलिया ,इंजेक्शन , आदि शहर में बिक रहे है | कई महंगे नशे होने के कारण युवा पीढ़ी इस नशे कि दलदल में फस तो जाती है परन्तु निकल नहीं पाती कुछ युवा नशा न मिलने के कारण मौत का रास्ता चुन लेते है कुछ कुछ नशा छोड नहीं सकने के कारण तो कुछ ओवर डोस के कारण |
लेकिन इन मौतों से पांवटा साहिब पुलिस के उन दावो की पोल खुल गयी है जिसमे नशा कारोबारियों पर लगाम लगाने के दावे किये जा रहे थे | परन्तु नशे से मौतों के बाद पांवटा साहिब पुलिस पर भी सवाल उठ रहे है की शहर में इतना नशा बेचा जा रह है तो पुलिस कड़ी कारेवाही क्यों नहीं कर रही | वही प्रशासन के अधिकारी दफ्तरों में बैठकर नशे पर लगाम लगाने कि बाते कर रहे है जभी जमीनी स्तर पर नशे को रोकने के नहीं कुछ ठोस कदम नहीं उठाये जा रहे है |
सवाल ये उठता है कि इस मौत के लिए आखिरकार जिम्मेवार कौन पुलिस प्रशासन सरकार या समाज जा परिवार | वही पुलिस द्वारा नशे को रोकने के दावे भी फ़ैल हो गये है |
वही यह भी सवाल उठता है कि जहा सरकार व मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर प्रदेश में नशा मुक्ति की बड़ी बड़ी बाते कर रहे है परन्तु धरातल पर सब धराशायी है | सात राज्यों में मुख्यमंत्री व अधिकारी भी निपटने के लिए रणनीति बनाने पर विचार कर रहे है | हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखण्ड, राजस्थान के मुख्यमंत्रियों तथा केन्द्र शासित क्षेत्र चण्डीगढ़ के प्रशासक के साथ मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर नशे पर लगाम लगाने कि रणनीति बना रहे है मादक पदार्थों की तस्करी से संबंधित सूचना के आदान-प्रदान के लिए एक प्रभावी प्रणाली का निर्माण कर नशा तस्करी में संलिप्त अपराधियों को पकड़ने कि बात कर रहे है । परन्तु हिमाचल प्रदेश में नशे से मौतों में वृद्धि हो रही है
वही सवाल यह भी उठता है कि क्या नशे की लत लगा चुके युवको को सही राह पर लाने का कोई कारागार उपाय क्यों नहीं किये जाते | निजी नशा मुक्ति केंद्र 3 महीने के ही 40000 रुपए मांग लेते है व गरीब परिवार इतनी फीस देने में असमर्थ होता है | ऐसे में सरकार को नशा मुक्ति केंद्र खोलने की और सोचना होगा |
आज फिर पांवटा साहिब के भूपपुर में नशे के आदी एक 24 वर्षीय युवक ने फंदा लगाकर जान दे दी । भूपपुर में एक युवक काफी समय से नशे का सेवन करता था । जिसके बाद 24 वर्षीय युवक ने परेशान होकर अपने घर पर फंदा लगा लिया। जब परिजन घर आये तो देखा युवक फंदे में लटका हुआ है। जिसके बाद युवक को तुरंत फंदे से उतारकर उपचार के लिये सिविल अस्पताल ले गये जहां पर चिकित्सकों ने युवक को मृत घोषित कर दिया। जिसके बाद इसकी सूचना पुलिस को दी गई। पुलिस में मामले में जाँच शुरू करदी है ।
पांवटा साहिब में पिछले समय से नशे से मौते हो रही है जिनमे 7 जुलाई 2018 को खोदरी माजरी के जंगल में एक व्यक्ति का शव मिला था । शव के पास से दवाई की डिब्बी व एक शराब की बोतल मिली थी । शव कई महीने से यहाँ पड़ा था । पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार खोदरी माजरी के जंगल में वन विभाग के कर्मचारी झाड़ियों की सफाई कर रहे थे। तो उस समय कर्मचारियों को झाड़ियों में एक शव देखा था ।
1 जून 2017 को एक युवक को नशे के कारण अपनी जान से हाथ धोना पड़ा | जिली जानकारी के अनुसार कर्मजीत सिंह पुत्र ज़सवीर सिंह निवासी गोंदपुर की हार्ट फैल होने के कारण मौत हुई है युवक को पांवटा साहिब सिविल हॉस्पिटल पहुंचाया गया, जहां जांच के दौरान उसे मृत घोषित कर दिया गया था जोकि स्मैक का आदि था । युवक जसप्रीत शादीशुदा था और उसके पास एक 3 साल का बेटा भी है, । परिजनों ने उसे नशा मुक्ति केंद्र भेजा था, जिससे वह नशे से दूर रह सके। जबकि इस दौरान जब उसे रविवार को नशा मुक्ति केंद्र लेकर आए तो केवल दो दिन ही ठीक रह पाया। इसके बाद उसे नशे की लत लगने लगी और उसे फिट पढ़ना शुरू हो गए। साथ ही साथ वह अपने आप से ही बातें करने लगा था और उसे नींद आना बंद हो गई थी सिविल हॉस्पिटल से उसका इलाज करवाया जा रहा था, लेकिन उसकी हालत में कुछ भी सुधार न होने के कारण उसका आज सुबह 6 बजे हार्ट फेल हो गया, जिस कारण उसकी मौत हो गई।
4 अगस्त 201 8 पांवटा साहिब कि बद्री नगर कि अमर कॉलोनी में किराय के मकान में रहने वाले नशे के आदि युवक ने फंदा लगाकर की आत्महत्या कर ली मिली जानकारी के अनुसार पंकज गोस्वामी उम्र 26 साल पुत्र बिशन सिंह मूल निवासी अल्मोड़ा उत्तराखण्ड ने गत रात जब घर में अकेला था तथा उसके माँ व भाई उसकी बहन के घर गये हुए थे तो फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली । सुबह घर वापिस आये उसके भाई ने खिड़की से युवक को पंखे से लटके देखा तो उनके होश उड़ गए,| बताया जा रहा है कि युवक स्मेक के नशे का आदी था व पहले भी दो बार आत्महत्या का प्रयास कर चूका था | परिजनों ने युवक को नशा मुक्ति केंद्र भी भेजा परन्तु वहा से आने के बाद कुछ महीने बाद युवक ने दोबारा नशा करना शुरू कर दिया था परिजनों का कहना है कि कुछ नशे के आदि युवक उसको दोबारा बहला फुसला कर ले जाते थे | वही मोके पर सुसाइड नोट मिला है जिसमे युवक ने आत्महत्या के लिए जिन्दगी से परेशान होना लिखा था |
17 मार्च 2017 को एक व्यक्ति का शव यमुना नदी के किनारे मिला था । इसके बाद पुलिस द्वारा शव का पोस्टमार्टम करवाकर शव परिवार वालो को सोंप दिया था । जिसकी पहचान रविंद्र पुत्र श्याम सुंदर वार्ड नंबर 9 के निवासी रूप में हुई है, जोकि शराब के नशे में यमुना नदी के किनारे मृत अवस्था में पाया गया। वार्ड नंबर 9 के पार्षद व नगरपालिका के उपाध्यक्ष नवीन शर्मा ने बताया कि ये व्यक्ति शराब पीने का आदि था व अपने परिवार में दो बच्चे व अपनी पत्नी को पीछे छोड़ गया था |
वही 27 जून 2018 को पांवटा साहिब के तहत बांगरण के नजदीक पुरुवाला में एक दुकान के आगे बने शेड में एक युवक का शव मिला था । वही पुलिस के मुताबिक युवक नशे का आदि था | व युवक के शव के पास नशे के इंजेक्शन व सिरिंज बरामद हुई है | शायद नशे के ओवर डोस की वजह से ही युवक की मौत हुई है | जानकारी के मुताबिक मृतक विक्रांत उर्फ़ विक्की पुत्र पाल शर्मा की आयु लगभग 30 साल बताई जा रही है। विक्रांत उर्फ़ विक्की देवीनगर का रहने वाला था।बताया जा रहा है कि युवक के पिता भी बीमारी से जूझ रहे है |