पांवटा साहिब में चैंबर ऑफ़ कॉमर्स ने कहा कि संकट के दौर से गुजर रहे उद्योग अब बिजली दरों में वृद्धि या सबसिडी में कटौती के किसी भी कदम को सहन नही कर पाएंगे। इस दौरान चैंबर ऑफ़ कॉमर्स अध्यक्ष सतीश गोयल उपाध्यक्ष संजय अग्रवाल व महासचिव नवीन अग्रवाल ने पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि प्रदेश में रुकने के लिए उद्योगों के पास बिजली ही एक मात्र आकर्षण है, लेकिन इसकी दरें भी अगर पड़ोसी राज्यों के मुकाबले ज्यादा हो जाएगी, तो उद्योगों के पास पलायन के अलावा कोई चारा बाकी नहीं रह जाएगा। पदाधिकारियों ने आयोजित पत्रकार वार्ता में प्रदेश सरकार से आग्रह किया कि उद्योग हित में बिजली की दरों में किसी भी तरह की वृद्धि न करें। इस दौरान सतीश गोयल ने कहा कि हिमाचल में स्थापित उद्योग बुरे दौरे से गुजर रहे है और पलायन की दहलीज पर खड़े है।
ऐसे हालातों में प्रदेश सरकार को उद्योग जगत के सहयोग के लिए आगे आना चाहिए न की किसी तरह का बोझ उद्योगों पर डालना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब से प्रदेश में नई सरकार बनी है, तब से लगभग दो रुपए प्रति यूनिट बिजली की वृद्धि को चुकी है। प्रदेश सरकार ने पहली अप्रैल, 2024 को बिजली बोर्ड के कहने पर कारखानों की बिजली पर जो एक रुपए प्रति यूनिट वृद्धि की थी उसको उस समय लागू नहीं किया गया और उद्यमियों के आवाज बुलंद करने के बाद बाकायदा राज्य सरकार ने सबसिडी देने की घोषणा की थी, ताकि निवेश प्रभावित न हो।इस दौरान सतीश गोयल ने कहा कि बीते वर्षों में उद्योगों की बिजली दरों में निरंतर वृद्धि हो रही है, जिससे प्रदेश में विद्युत यूनिट की दर पड़ोसी राज्यों के मुकाबले काफी अधिक हो गई है।