प्रदेश के प्रवेश द्वार एवं पुराने औद्योगिक क्षेत्र पावटा साहिब में हालात बदतर होते जा रहे हैं। क्षेत्र में सर्वाधिक परेशानी लोगों को अब उद्योगों द्वारा फैलाई जा रही गंदगी से होने लगी है।नदी व नालों के निकट बसे उद्योग लगातार इनमें कचरा फेंक रहे है। इससे जल जनित रोगों सहित अन्य कई तरह की बीमारिया फैलने का खतरा बना रहता है। क्षेत्र में सड़क किनारे की भूमि ऐसे उद्योगों के लिए डंपिंग साइट बनती जा रही हैं।
यहा के नालों में कचरा गिराया जा रहा है। वन भूमी और नाले में चोरी-छिपे औद्योगिक क्षेत्र से निकलने वाला जहरीला रासायनिक कचरा फेंक जा रहा है। यह कचरा पर्यावरण की दृष्टि से अत्यंत हानिकारक है। यदि कचरा पानी में मिल जाता है तो लोगों सहित इसका सेवन करने वाले हर जानवर व जीव जंतु के स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है। यहां अपनी सुविधा के लिए उद्योग बिना किसी के खौफ के कचरा उडे़ल देते हैं जिससे स्थानीय लोग अब खासे परेशान हो चुके हैं
शहर के औद्योगिक क्षेत्र के पास से गुजर रहे नाले में पहले से ही कचरा गिराया जा रहा है। यह नाला धीरे-धीरे कचरे से भर रहा है। यही नहीं शहर में इसी नाले में ही कचरे को नहीं गिराया जाता वन भूमि पर भी रासायनिक कचरे को गिराया जा रहा है । शहर के नालों में कचरा गिराने के पहले भी कई मामले सामने आए हैं, लेकिन इसके आज तक कचरा गिराने वालों के खिलाफ कोई कारवाई नहीं हुई है
शहर के नालों में पहले कैमिकल फेंकने के भी मामले सामने आए और इस दौरान प्रदूषण बोर्ड के अधिकारियों ने सैंपल भी लिए थे, लेकिन इस सैंपल की रिपोर्ट भी आज तक सामने नहीं आई है। किसी कंपनी पर इन मामलों को लेकर बड़ी कार्रवाई नहीं हुई और अब ऐसे में उद्योगों के हौसले और बुलंद हो गए हैं।