( जसवीर सिंह हंस ) जिला में आए दिन बसों के हादसे हो रहे हैं पर हादसे होने के बाद ही प्रशासन एक दो दिन जाग कर खाना पूर्ति करता है बाद मे सो जाता है । ऐसा ही हाल हर हादसे के बाद देखने मिलता है । पास लगती विधानसभा रेणुका जी मे हादसा हुआ तो पुलिस विभाग जागा और बसों के धडा धड़ चलान काटना शुरु किये | वही परिवहन विभाग तो शायद कुम्भकर्ण वाली नींद सो गया है ।
पांवटा साहिब के आज बद्रीनगर में पुलिस स्टेशन से आई एक टीम ने कड़ी कारेवाही करते हुए निजी व सरकारी बसों के चालान काटे | इसमें ओवरलोडिंग व अन्य कई मामलो में चालान किये गये है समाचार लिखे जाने तक टीम चालान करने में जुटी हुई थी | गोरतलब है की की रविवार को हि रेणुका जी में एक निजी बस की दुर्घटना में 9 लोगो की मौत हो गयी थी व 51 लोग घायल हुए थे जिसके बाद पुलिस प्रशासन पर सवाल उठे थे की वे बसों की ओवर लोडिंग पर लगाम लगाने में असफल साबित हुए है |
वही जब पांवटा साहिब से गिरी नगर वाया जामनी वाला रूट पर चलने वाली एक एच आर टी सी की ओवरलोड बस को रोका गया व ड्राईवर व कंडक्टर से दस्तावेज मांगे गये तो दोनों बगले झाकने लग गये और बोले की न तो बस का बीमा व न अन्य कोई दस्तावेज केवल आर सी है | वही इस बस में बैठे स्कूल के बच्चो को निचे उतार दिया गया जिसके बाद बच्चो ने काफी हंगामा किया गया वही पुलिस कर्मियों ने बस को बद्री नगर चोंक पर रोक हुआ था व कारेवाही की जा रही थी |
आज हुए चालानों में ड्राइवर ने सीट बैलट तक नही पहनी हुई थी | पुलिस ने खाना पूर्ति करते हुए दो हजार का चलान करते हुए बस को जाने दिया । मगर चर्चा का बिषय था कि क्या चालान काट कर ओबरलोडिंग वस की दुर्घटना होने का डर नही होता क्या अगर प्रशासन अपना कार्य सख्ती से करे तो हादसों पर कुछ हद तक अंकुश लगाया जा सकता है । ऐसे तो ट्रेफिक पुलिस बाले सड़को पर दो पहिया वाहनों चलान काटते हुए दिखते है पर निजी व स्कूल बसों में की जा रही ओवर लोडिंग को शायद उनकी सहमति है |