पूर्व डिप्टी एडवोकेट जनरल विनय शर्मा ने गुड़िया मामले में एक फॉरेंसिक रिपोर्ट सार्वजनिक की है। विनय शर्मा ने एसआईटी (SIT) द्वार पकड़े आरोपियों की मामले में संलिप्ता की बात कही है। साथ ही मामले की दोबारा जांच मांगी है। सीबीआई (CBI) द्वारा कोर्ट से रिपोर्ट छिपाने पर भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने शिमला में मीडिया से बातचीत में खुलासा किया कि यह रिपोर्ट गुजरात गांधी नगर फॉरेंसिक लैब की है। सीबीआई (CBI) ने खुद करवाई थी। हालांकि यह रिपोर्ट गुड़िया प्रकरण से जुड़े सूरज लॉकअप हत्या मामले में गिरफ्तार पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों के मामले में करवाई गई थी।
उन्होंने कहा कि इस रिपोर्ट में ऐसी बातें हैं, जोकि कई सवाल खड़ा कर रही हैं। रिपोर्ट 17 अक्टूबर 2017 को आ गई थी। सीबीआई (CBI) ने हाईकोर्ट और स्पेशल कोर्ट चक्कर से भी इस बात को छुपाया। फिर चंडीगढ़ कोर्ट में रिपोर्ट पेश की। रिपोर्ट में पूर्व में एसआईटी (SIT) द्वारा गिरफ्तार आरोपियों के एक्सपीरियंस नॉलेज की बात है। सीबीआई (CBI) पर आरोप लगाते हुए पूर्व डिप्टी एडवोकेट जनरल विनय शर्मा ने कहा कि अपनी थ्यौरी को सही साबित करने के लिए सीबीआई (CBI) ने कोर्ट से रिपोर्ट छुपाई। उन्होंने मांग की है कि मामले की दोबारा जांच हो, ताकि कोई निर्दोष को सजा न मिले और दोषी बच न सके
पूर्व डिप्टी एडवोकेट जनरल ने सवाल उठाते हुए कहा कि गुड़िया दरिंदों से अपनी जान की भीख मांगती रही। मामला बढ़ा तो चिरानी को पकड़ कर मुख्य आरोपी बताया गया। लेकिन साढ़े चार फीट का एक व्यक्ति अकेला इस घटना को अंजाम नहीं दे सकता।
जहां यह वारदात हुई, वहां से जंगल में मिले गुड़िया के शव के बीच 600 मीटर का फासला था। ऐेसे में एक व्यक्ति दुष्कर्म करता और मरने के बाद भारी पड़े शव को एक जगह से दूसरी जगह तक घसीट या किसी अन्य तरीके से ले जाता जिससे उसके शरीर पर निशान आते, लेकिन ऐसा नहीं था।