जिला सिरमौर के शिलाई विधानसभा क्षेत्र की कोटि उतराऊ पंचायत प्रधान व 3 वार्ड सदस्यों को विकास कार्यों में अनियमितताएं पाए जाने पर सस्पेंड कर दिया गया है। पंचायत प्रधान उषा देवी, वार्ड नंबर 4 के सदस्य सतपाल शर्मा, वार्ड नंबर 3 से कंवर सिंह व वार्ड नंबर 2 से इंदिरा देवी पर छह विकास कार्यों में 11 लाख रुपए की अनियमितताएं पाए जाने के आरोप के चलते अगले आदेशों तक पंचायत के सभी कार्यों से बाहर कर दिया गया है। अगले आदेश तक यह चारों पंचायत के किसी भी कार्य में भाग नहीं ले सकते हैं।
जिला सिरमौर में यह पहली बार है कि जब पंचायत प्रधान के साथ तीन वार्ड सदस्यों को भी सस्पेंड किया गया है। इससे पहले पिछले 11 महीनो में जिला सिरमौर से चार प्रधान सस्पेंड हो चुके हैं। जिसमें से तीन शिलाई उपमंडल के ही है। जानकारी मिली है कि विकास कार्यों में अनियमितताएं बरतने के आरोप पंचायत के लोगों ने प्रधान लगाए थे। जिसकी जांच जिला प्रशासन की ओर से गठित कमेटी ने की थी। उसके बाद पंचायत प्रधान और वार्ड सदस्यों को नोटिस जारी किए गए थे। नोटिस का संतोषजनक जवाब न मिलने पर डीसी ने अगले आदेश तक पंचायत प्रधान व तीनों वार्ड सदस्यों को सस्पेंड कर दिया गया है। वही कोटि उतराऊ पंचायत की प्रधान उषा देवी ने बताया कि राजनीतिक द्वेश के चलते उन्हें तथा वार्ड सदस्यों को सस्पेंड किया गया है। मौके पर जांच करने जो अधिकारी आए थे, उन्होंने जांच पूरी नहीं की तथा कांग्रेस नेता के दबाव में आकर गलत रिपोर्ट बनाई गई। जिन कार्यों को लेकर उन पर अनियमितताएं बरतने के आरोप लगे हैं, वह कार्य अभी चल रहे हैं। अधिकतर कार्यों के लिए मंगवाया गया रॉ मैटेरियल विकास कार्य स्थान पर ही है।
विदित रहे कि जिला सिरमौर के श्रीरेणुकाजी विधानसभा क्षेत्र तथा शिलाई विधानसभा क्षेत्र में अक्सर पंचायत प्रधानों पर विकास कार्यों में अनियमितताएं बरतने और भ्रष्टाचार के आरोप लगाते रहते हैं। इन्हीं दो विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक प्रधान सस्पेंड या बर्खास्त होते हैं। उधर जब इस संदर्भ में जिला पंचायत अधिकारी विक्रम ठाकुर से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि पंचायत के विकास कार्यों में अनियमितताएं पाए जाने पर कोटि उतराऊ पंचायत प्रधान व तीन सदस्यों को अगले आदेश तक सस्पेंड कर दिया गया है।