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हिमाचल प्रदेश के निवासियों और पर्यटकों को अगले सप्ताह मौसम के बड़े बदलाव के लिए तैयार रहना होगा। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला की चेतावनी के अनुसार, 4 से 8 अक्टूबर के बीच राज्य के विभिन्न हिस्सों में भारी बारिश, ओलावृष्टि और तेज आंधी का अनुमान है, जिससे सामान्य जनजीवन प्रभावित हो सकता है।
6 अक्टूबर: विशेष सतर्कता का दिन
यह मौसमी उथल-पुथल 6 अक्टूबर को अपने चरम पर पहुंचने की संभावना है। इस दिन सात पर्वतीय जिलों – चंबा, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला, किन्नौर और लाहौल स्पीति – के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है, जो बेहद भारी वर्षा का संकेत देता है। शेष जिलों में भी एहतियात के तौर पर येलो अलर्ट जारी रहेगा। इस दौरान 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की तूफानी गति से हवाएं चलने का भी अनुमान है।
पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव
मौसम विभाग ने बताया है कि यह बदलाव 4 अक्टूबर से एक सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के कारण शुरू होगा।
4 अक्टूबर: विक्षोभ के सक्रिय होने के साथ ही भारी बारिश और ओलावृष्टि की शुरुआत संभव है।
5 अक्टूबर: राज्य के 10 जिलों में हल्की से मध्यम दर्जे की बारिश होगी, जिसमें कई स्थानों पर भारी वर्षा होने की भी आशंका है।
6 अक्टूबर: सबसे अधिक प्रभाव, जिसमें 10 जिलों में येलो अलर्ट प्रभावी रहेगा।
7 और 8 अक्टूबर: इन दिनों भी कुछ इलाकों में बारिश का सिलसिला जारी रह सकता है।
तापमान में गिरावट के संकेत
पिछले दिनों रोहड़ू में भारी बारिश और शिमला में बादलों की मौजूदगी ने आगामी बदलाव का पूर्वाभास दिया है। अगले 2-3 दिनों तक दिन और रात के तापमान में कोई विशेष परिवर्तन नहीं होगा। हालांकि, तूफानी मौसम के गुजर जाने के बाद न्यूनतम तापमान में 2 से 3 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान में 3 से 5 डिग्री सेल्सियस तक की महत्वपूर्ण गिरावट आने की संभावना है, जो ठंड बढ़ने का स्पष्ट संकेत है।
यात्रियों और स्थानीय लोगों को सलाह दी जाती है कि वे इस अवधि के दौरान अपनी यात्रा की योजनाओं को संशोधित करें और सुरक्षित स्थानों पर रहें।