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मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों के लिए बारिश की रफ्तार में और तेजी आने की संभावना जताई है। विभाग के अनुसार 15 अगस्त तक पूरे राज्य में लगातार और तेज़ बारिश का दौर बना रहेगा। खासकर 11 अगस्त से 14 अगस्त के बीच मानसून का सबसे तीखा असर देखने को मिल सकता है। इस दौरान कई जिलों में भारी से बहुत भारी वर्षा की संभावना है, जिसके लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। वहीं अगले 24 घंटे यानी 10 अगस्त को अलग-अलग स्थानों पर भारी वर्षा व गरज के साथ तूफान का यैलो अलर्ट जारी किया गया है। इसमें ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, मंडी, शिमला, सोलन व सिरमौर जिलों में भारी बारिश का यैलो अलर्ट रहेगा। 11 अगस्त को कांगड़ा और कुल्लू जिलों में भारी से बहुत भारी वर्षा का ऑरैंज, वहीं ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, शिमला, सोलन व सिरमौर में भारी बारिश का यैलो, 12 अगस्त को ऊना, कांगड़ा व सिरमौर जिलों में भारी से बहुत भारी वर्षा का ऑरैंज, जबकि हमीरपुर, चम्बा, कुल्लू, मंडी में भारी वर्षा का यैलो, 13 अगस्त को कुल्लू, मंडी, शिमला व सिरमौर जिलों में भारी से बहुत भारी वर्षा का ऑरैंज, वहीं सोलन जिले में भारी वर्षा का यैलो अलर्ट रहेगा।
शिमला सहित कुछ हिस्सों में हल्की बारिश दर्ज
शनिवार को राजधानी शिमला सहित कुछ हिस्सों में हल्की बारिश हुई, जिसमें शिमला में 2, धर्मशाला में 3, ऊना में 5.4, डल्हौजी में 1, जुब्बड़हट्टी में 15.6, कुफरी में 10.5, भरमौर में 0.5 और बजौरा में 5.5 मिलीमीटर बारिश हुई, जबकि सुंदरनगर में बूंदाबांदी हुई, वहीं शुक्रवार रात्रि को नयनादेवी में सर्वाधिक 11, पंडोह में 10 और पच्छाद में 7 सैंटीमीटर वर्षा हुई है। सेऊबाग में 50 और धौलाकुआं में 46 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से तेज हवाएं भी चलीं।
लाहौल-स्पीति व कांगड़ा को छोड़कर शेष 10 जिलों में सामान्य से अधिक बरसे मेघ
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार 1 जून से अब तक राज्य भर में मानसून की सामान्य से 13 फीसदी ज्यादा बारिश दर्ज की गई है। इस माह में अब तक लाहौल-स्पीति और कांगड़ा जिलों को छोड़कर शेष सभी 10 जिलों में सामान्य से ज्यादा बादल बरसे हैं। ऊना जिले में सामान्य से 138 फीसदी ज्यादा बारिश हुई। सोलन जिले में सामान्य से 112, बिलासपुर में सामान्य से 116, हमीरपुर में सामान्य से 106, किन्नौर में सामान्य से 100, कुल्लू में सामान्य से 95, शिमला में सामान्य से 79, मंडी में सामान्य से 71, सिरमौर में सामान्य से 23 और चम्बा में सामान्य से 18 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है। वहीं लाहौल-स्पीति जिले में सामान्य से 57 फीसदी और कांगड़ा में सामान्य से 12 फीसदी कम वर्षा हुई है।
चंडीगढ़-मनाली फोरलेन बहाल, लाेगाें ने ली राहत की सांस
भारी बारिश के कारण शुक्रवार शाम से बंद पड़े चंडीगढ़-मनाली फोरलेन को शनिवार दोपहर को खोले जाने से लोगों सहित वाहन चालकों व किसान-बागवानों ने राहत की सांस ली है। यहां भूस्खलन होने के कारण दोनों तरफ वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से ठप्प हो गई थी। सैंकड़ों यात्रियों को रात्रि हाईवे पर ही बितानी पड़ी थी, लेकिन शनिवार को फोरलेन खुलने से यात्रियों सहित वाहन चालकों खासतौर पर फल व सब्जी उत्पादकों ने राहत की सांस ली है, क्योंकि मंडियों तक वे अपनी फसल नहीं पहुंच पा रहे थे।
362 सड़कें बंद, 613 बिजली के ट्रांसफार्मर ठप्प
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार राज्य भर में भूस्खलन से 362 सड़कें बंद रहीं। 613 बिजली के ट्रांसफार्मर और 520 पेयजल स्कीमें ठप्प रहीं। मंडी जिले में सबसे ज्यादा 220 सड़कें बाधित रहीं, जबकि कुल्लू में 91 और कांगड़ा में 22 मार्ग अवरुद्ध हैं। कुल्लू जिले में 393 बिजली के ट्रांसफार्मर व मंडी जिले में 202 ट्रांसफार्मर बंद रहे। कुल्लू जिले में 367, मंडी में 78 और कांगड़ा जिले में 72 पेयजल स्कीमें ठप्प रहीं। मानसून सीजन में अब तक विभिन्न हादसों में 219 लोगों की मौत हुई है, 37 लापता हैं और 315 घायल हुए। मंडी जिले में सबसे ज्यादा 43 लोगों की मौत हुई है।