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हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर से एक ऐसा मामला सामने आया है, जो किसी एक परिवार की नहीं बल्कि एक पिता के टूटते हुए भरोसे और तड़पते हुए दिल की कहानी है। यहां एक पति अपनी पत्नी और नन्ही बेटी की तलाश में दर-दर भटक रहा है। बेटी से बिछड़ने का दर्द और पत्नी के साथ रिश्तों में आई लगातार दरार ने उसे अंदर से पूरी तरह तोड़ दिया है। पीड़ित पति का कहना है कि वह पिछले कई वर्षों से मानसिक प्रताड़ना झेल रहा है और अब हालात ऐसे बन चुके हैं कि वह खुद को संभाल नहीं पा रहा।
2018 में घर छोड़कर गई थी पत्नी
पीड़ित के अनुसार, वर्ष 2018 में उसकी पत्नी घर छोड़कर चली गई थी। उस समय पुलिस ने काफी प्रयासों के बाद उसे लुधियाना से बरामद किया था। मामला तब किसी तरह सुलझा और दंपति दोबारा साथ रहने लगे।
साल 2019 में दोनों की बेटी का जन्म हुआ, जिसे पिता अपनी जिंदगी की सबसे बड़ी खुशी बताता है। लेकिन इसके बाद भी दांपत्य जीवन में शांति नहीं आई। पति का आरोप है कि बीते ढाई सालों से उसे लगातार परेशान किया जा रहा है, मानसिक रूप से इतना तोड़ दिया गया कि कई बार उसे जहर खाने जैसे ख्याल तक आने लगे।
पीड़ित ने बताया कि 22 दिसंबर को उसकी पत्नी बेटी को लेकर घर से निकली और उसके बाद कभी वापस नहीं लौटी। तब से दोनों का फोन स्विच ऑफ है और किसी तरह का कोई संपर्क नहीं हो पाया है। न रिश्तेदारों को कुछ पता है, न जान-पहचान वालों को।
आंखों में आंसू और आवाज में टूटन लिए पति ने कहा कि उसे अब किसी तरह का विवाद नहीं चाहिए। उसकी बस एक ही गुहार है कि मुझे मेरी बेटी वापस दे दो, मुझे कुछ और नहीं चाहिए।
उसने समाज, प्रशासन और आम लोगों से अपील की है कि अगर किसी को उसकी पत्नी या बेटी के बारे में कोई भी जानकारी मिलती है, तो तुरंत संबंधित व्यक्ति या पुलिस को सूचित करें।
जनता और प्रशासन से मदद की गुहार
पीड़ित का कहना है कि वह लगातार पुलिस और अधिकारियों के चक्कर काट रहा है, लेकिन अब तक कोई ठोस सुराग नहीं मिला है। उसने उम्मीद जताई है कि समाज और प्रशासन की मदद से उसकी बेटी सुरक्षित वापस मिल सकेगी।












