महिलाओं ने सरकार से की यात्रा भत्ता देने की मांग
Khabron wala
शिमला 10 सितंबर । जुन्गा तहसील की नौ पंचायतों की महिलाओं को स्वाबलंबी बनाने के उददेश्य से राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम ) के तहत क्योंथल कलस्टर लेवल फेडरेशन (सीएलएफ) का गठन किया गया है । जिसका कार्यालय जनेडघाट में है जहां पर हर महीने ग्राम संगठन और स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं की दो बार बैठकें होती है । दूरदराज गांव की महिलाएं घर के कार्यों को छोड़कर अपने खर्चे पर बैठकों में भाग लेने पहूंचती है। यात्रा भत्ता न मिलने पर महिलाओं में रोष व्याप्त है ।
गौर रहे कि सीएलएफ जनेडघाट के अधीन 18 ग्राम संगठन (वीओ) और 271 स्वयं सहायता समूह गठित किए गए हैं जिनमें 1776 महिलाएं जुड़ी है । सूत्रों के अनुसार इन स्वयं सहायता समूहों में कुछ महिलाओं ने अपना कारोबार आरंभ किया है जिनमें मुख्यतः आचार, चटनी, डेयरी फार्मिंग, चीड़ की पतियों से विभिन्न प्रकार के आकर्षक सामान तैयार किया जाता है जबकि अधिकांश महिलाएं बेरोजगार है ।
सीएलएफ से जुड़ी कुछ महिलाओं ने बताया कि जनेडघाट के लिए सीधी बस सेवा न होने पर महिलाओं को किराए पर द्वारा गाड़ी करनी पड़ती है जिसके एवज में न्यूनतम 500 रूपये अदा करने पड़ते हैं । इसके अतिरिक्त बैठक में भाग लेने पर प्रत्येक महिला को 250 रूवये शुल्क और दिन में भोजन के लिए जनेडघाट में 120 रूपये देने पड़ते हैं अर्थात एक बैठक का करीब एक हजार खर्च आता है । इन्होने बताया कि अधिकांश महिलाएं एनआरएलएम के तहत लोन लेकर अपना कारोबार चलाने की बजाए घर की जरूरतों में खर्च कर देती है । जिसके चलते अधिकांश गरीब महिलाएं अब समूह को छोड़ने को मजबूर हो रही है । महिलाओं ने सरकार से बैठक में भाग लेने के लिए यात्रा भत्ता का प्रावधान करने की मांग की है ।
क्योंथल कलस्टर लेवल फेडरेशन की प्रधान अनिता शर्मा ने बताया कि बैठक में भाग लेने के लिए यात्रा भत्ता और भोजन का कोई प्रावधान नहीं है चूंकि कलस्टर की अपनी कोई आय नहीं है । बताया कि कलस्टर की ओर एक सौ रूपये प्रति महिला भत्ता देने पर विचार किया जा रहा है जोकि ऊंट के मुंह में जीरा वाली बात है । 000
फोटो । सीएलएफ की बैठक में महिलाएं भाग लेते हुए