पहाड़ी इलाकों में बारिश के बाद यमुना नदी उफान पर , हथिनीकुंड बैराज के सभी 16 गेट खोले, 1.5 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा

Khabron wala 

दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने की आशंका है,. हथिनीकुंड बैराज से 1.16 लाख क्यूसेक पानी आज छोड़ा गया है. यह पानी अगले 30 घंटे में दिल्‍ली पहुंच जाएगा. निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा है मंडरा रहा है. प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है.

दरअसल, पहाड़ों और मैदानी इलाकों में लगातार हो रही बारिश के बाद एक नई चिंता खड़ी हो गई है. यमुना की सहायक नदियों में भी जलस्तर काफी बढ़ गया है हरियाणा के यमुनानगर स्थित हथिनीकुंड बैराज से रविवार को एक लाख 16 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जो अगले 30 घंटे में राजधानी पहुंच जाएगा. यह इस मानसून का अब तक का सबसे बड़ा डिस्चार्ज है. यमुना पहल ही खतरे के निशान के करीब बह रही है. अंदेशा जताया जा रहा है कि यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ेगा और दिल्ली के निचले इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो सकती है.

पिछले डेढ़ महीने से हथिनीकुंड बैराज पर यमुना का प्रवाह सामान्य था. लेकिन पहाड़ी इलाकों में भारी बारिश ने स्थिति पलट दी. रविवार सुबह 10 बजे तक जहां बैराज पर 74 हजार क्यूसेक पानी दर्ज था, वहीं दोपहर 1 बजे तक यह बढ़कर 1.16 लाख क्यूसेक पहुंच गया. हालात को देखते हुए बैराज के सभी 18 गेट खोल दिए गए और नहरों की सप्लाई बंद करनी पड़ी.

“लो फ्लड” अलर्ट

सिंचाई विभाग के सुप्रीटेंडेंट इंजीनियर आर.एस. मित्तल के मुताबिक, एक लाख क्यूसेक पानी को लो फ्लड कैटेगरी में रखा जाता है. 1.5 लाख क्यूसेक पर “मीडियम फ्लड” और ढाई लाख से ज्यादा डिस्चार्ज होने पर “हाई फ्लड” घोषित किया जाता है. हालांकि, अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि अगर पहाड़ों में बारिश जारी रही तो पानी का स्तर और ऊपर जा सकता है.

दिल्ली में यमुना के आसपास बसे लो-लाइंग एरिया पहले से ही संवेदनशील हैं. खासकर यमुना बाजार, मजनू का टीला, कश्मीरी गेट, कालिंदी कुंज और बुराड़ी जैसे इलाके पानी बढ़ने पर सबसे पहले प्रभावित होते हैं. दिल्ली सरकार और प्रशासन को पहले ही अलर्ट किया गया है. निचले इलाकों के लोगों को सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट करने के निर्देश दिए जा रहे हैं. सिंचाई विभाग का कहना है कि समय रहते चेतावनी अलार्म बजा दिया गया है और जिला प्रशासन को स्थिति से अवगत करा दिया गया है.

आगे की चुनौती

फिलहाल सवाल यह है कि राजधानी इस पानी का दबाव को कैसे झेलेगी. यमुना का जलस्तर अगर तेजी से बढ़ा तो यातायात, पेयजल सप्लाई और बिजली व्यवस्था भी प्रभावित हो सकती है. राहत और बचाव एजेंसियों को अलर्ट मोड पर रखा गया है. आने वाले 30 घंटे दिल्ली के लिए निर्णायक होंगे. अगर बारिश का सिलसिला जारी रहा तो यमुना का उफान राजधानी के लिए बड़ी आफत बन सकता है. फिलहाल प्रशासन की प्राथमिकता है कि लोगों की सुरक्षा और नुकसान को न्यूनतम रखना.

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