ये कहानी है देश की राजधानी दिल्ली की रहने वाली उस प्रीती ढ़िल्लों की जिसकी जितनी अधिक हायर एजुकेशन हुई उतनी ही तकलीफ से भरी हुई है। देवभूमि पांवटा साहिब में वो गुमनामी के अंधेरी में जी रही थी।
सड़क किनारे जख़्मी हालत में बेसुध महिला देवभूमि पांवटा साहिब में नर्क जैसा जीवन बिताने को मजबूर थी। इस खून जमा देने वाली सर्दी में वो खुले आसमान के नीचे रह रह थी
हर पल एक सेकंड जिंदगी और मौत के बीच झूल रही थी। प्रीती की जिंदगी में पेशे से होटल कारोबारी योगिता गोयल तक प्रीती की दर्दनांक दास्तां पहुंची बिना समय गंवाये उन्होंने प्रीती को पहले रेस्क्यू किया उसके बाद सही उपचार के लिए सिविल अस्पताल पांवटा साहिब पहुंचाया।
जहां युवा डॉक्टरों ने ना केवल मोर्चा संभाला बल्कि एक फरिश्ता का रिश्ता निभाया
वहीं महिला की मदद के लिए पांवटा साहिब में लाशों के मसीहा हेमंत शर्मा खुद को मदद करने से नहीं रोक पाये
सरल संस्कार वेलफियर सोसाइटी के संस्थापक समाजसेवी हेमंत शर्मा ने मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाया पांवटा साहिब की जनता से भी फेसबुक के जरिये मदद की गुहार लगाई कहा ” आईए इस महिला की अपना दिल बड़ा दिखाकर मदद करें”
ख़बर है कि घायल महिला दिल्ली की रहने वाली है कई नेशनल और इंटरनेशनल कंपनी में हायर पोस्ट में रहकर अपनी सेवा दे चुकी है। फिलहाल महिला का इलाज सिविल अस्पताल पांवटा साहिब में चल रहा है,
प्रीती ढ़िल्लों पांवटा साहिब कैसे पहुंचे फिलहाल इसका पता लगाने की कोशिश की जा रही है।