हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने जिला सिरमौर के पांवटा साहिब में सड़क के बीच खड़े बिजली के खंभों और ट्रांसफार्मर के कारण हुई युवक की दर्दनाक मौत पर सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार और हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। कोर्ट ने बिजली बोर्ड की लापरवाही पर नाराज़गी जताते हुए कहा कि उसकी अनदेखी की वजह से एक युवक की जान गई है, जिसे किसी भी सूरत में नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
हिमाचल हाईकोर्ट ने बिजली बोर्ड को लगाई फटकार
मुख्य न्यायाधीश गुरमीत सिंह संधावालिया और न्यायाधीश रंजन शर्मा की खंडपीठ ने स्पष्ट निर्देश दिए कि राज्य सरकार और बिजली बोर्ड यह रिपोर्ट पेश करें कि प्रदेश में कितनी ऐसी सड़कों पर बिजली के खंभे और ट्रांसफार्मर सड़क के बीचों-बीच खड़े हैं। कोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जल्द से जल्द पूरी जानकारी देने का आदेश दिया है। इस जनहित याचिका की अगली सुनवाई 9 सितंबर को निर्धारित की गई है।
यह मामला पांवटा साहिब के बद्रीपुर से पुरुवाला तक सड़क चौड़ीकरण परियोजना से जुड़ा है। सड़क चौड़ी हो गई, लेकिन उसके बीच खड़े बिजली के खंभों और ट्रांसफॉर्मरों को हटाया नहीं गया। इससे बीते दिनों एक बड़ा हादसा हुआ, जब रात के समय एक युवक की बाइक इन खंभों से टकरा गई और मौके पर ही उसकी मौत हो गई। यह जानकारी अदालत को एक पत्र के जरिए दी गई थी, जिसे कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेकर जनहित याचिका में बदल दिया।
हाईकोर्ट के इस हस्तक्षेप के बाद अब राज्य भर में ऐसे मामलों की जांच और खंभे हटाने की प्रक्रिया तेज हो सकती है। कोर्ट का साफ निर्देश है कि ऐसी लापरवाहियों को अब नजरअंदाज नहीं किया जाएगा और जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी। अदालत के इस कदम से आम नागरिकों की सुरक्षा को लेकर एक सकारात्मक संदेश गया है।