राज्य स्तरीय कार्यक्रम में लोगों को नशे के विरुद्ध दिलाई शपथ
Khabron wala
नशा मुक्त भारत अभियान के पांच वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में आज यहां सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किया गया।
नशा मुक्त भारत अभियान गत पांच वर्षों से देश के सभी राज्यों में सफलतापूर्वक संचालित किया जा रहा है। इसका उद्देश्य युवाओं में मादक द्रव्यों के सेवन के दुष्प्रभाव के बारे में जारूकता पैदा करना है।
इस अवसर पर डॉ. शांडिल ने प्रदेशवासियों से मादक द्रव्यों के सेवन के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक रहने, इसके विरुद्ध सामूहिक सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने और नशे के समूल नाश के लिए एकजुटता का आह्वान किया। उन्होंने नशे के विरुद्ध राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर पर किए जा रहे विभिन्न प्रयासों को नशा मुक्त समाज के निर्माण में महत्त्वपूर्ण बताया। उन्होंने हिमाचल को नशा मुक्त बनाने के उद्देश्य से कार्यक्रम में उपस्थित युवाओं सहित सभी लोगों को नशा निवारण शपथ दिलवाई।
नशे के खिलाफ प्रदेश सरकार की पहलों, प्रयासों, नवीन योजनाओं और कार्यक्रमों पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने हिमाचल प्रदेश संगठित अपराध (निवारण एवं नियंत्रण) विधेयक-2025 पारित कर नशा तस्करों को मुत्यु दंड, आजीवन कारावास और 10 लाख रुपये जुर्माने के अतिरिक्त अवैध तरीके से अर्जित सम्पत्ति की कुर्की किए जाने का प्रावधान किया है। हिमाचल प्रदेश ड्रग्स एवं नियंत्रण पदार्थ (रोकथाम, नशामुक्ति और पुनर्वास) विधेयक-2025 पारित कर अवैध व्यापार में शामिल तस्करों को कड़ी सजा व जुर्माने के प्रावधान सहित नशा मुक्ति, पुनर्वास, निवारक शिक्षा एवं आजीविका सहायता के वित्तपोषण के लिए एक राज्य कोष की स्थापना का भी प्रावधान किया गया है।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने कहा कि हाल ही में चिट्टा मुक्त हिमाचल अभियान का शुभारम्भ मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू द्वारा शिमला से किया गया, जिसमें प्रदेशवासियों ने नशे को जड़ से उखाड़ फैंकने की शपथ ली। उन्होंने कहा कि यदि हम मिलकर संकल्प लें कि अपने घर-परिवार, समाज, प्रदेश और देश को खुशहाल बनाने के उद्देश्य से नशामुक्त वातावरण तैयार करने के लिए एकजुट होकर नशामुक्त हिमाचल बनाने में अपना योगदान देंगे और इस बुराई से हमेशा दूर रहेंगे तो हम निश्चित ही नशामुक्त हिमाचल और नशा मुक्त भारत के निर्माण में सफल होंगे।
इस अवसर पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री पंजाब के अमृतसर स्थित गुरू नानक देव विश्वविद्यालय में आयोजित राष्ट्र स्तरीय नशा मुक्त भारत अभियान कार्यक्रम से भी ऑनलाइन माध्यम से जुड़े। नशा मुक्त भारत अभियान के तहत गत पांच वर्षों में लगभग 23 करोड़ लोगों को मादक द्रवांे के सेवन के दुष्परिणामों के प्रति जागरूक किया गया है तथा 20 हजार से अधिक मास्टर स्वयं सेवियों के माध्यम से देश में सात लाख से अधिक कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। इसके तहत राष्ट्रीय ऑनलाइन शपथ में 16.72 लाख शैक्षणिक संस्थानों ने भाग लिया है।
इस अवसर पर वृद्ध एवं स्कूली छात्रों के मध्य संवाद तथा विचार-विमर्श सत्र का आयोजन भी किया गया। कार्यक्रम में उपस्थित वृद्धजनों ने छात्रों को नशे से दूर रहने के लिए प्रेरित किया और अपने अनुभवों को साझा कर उन्हें नशे की लत, बुराइयों और उनके जीवन पर पड़ने वाले इसके नकारात्मक प्रभाव के बारे में सचेत किया। उन्होंने छात्रों से आह्वान किया कि वह अपने-अपने घरों, आसपास की जगहों और अपने दोस्तों के बीच नशे से दूर रहने का संदेश फैलाएं और अपने आचरण से दूसरों के लिए प्रेेरणा बने।
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला संजौली की दसवीं कक्षा की छात्रा आईशा ने एक कविता के माध्यम से नशे से दूर रहने तथा बड़े बुजुर्गों के साथ समय बिताकर उनके अनुभवों से अनमोल सीख लेने का संदेश दिया।
कोटशेरा कॉलेज के छात्रों द्वारा समाज के समक्ष गंभीर संकट बनकर खड़े नशे की समस्या पर लघु नाटिका प्रस्तुत की।
निदेशक ईसोमसा सुमित खिमटा, निदेशक महिला एवं बाल विकास, डॉ. पंकज ललित, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स रमेश शर्मा, वरिष्ठ अधिकारी, वृद्धजन, महिलाएं, स्वयं सहायता समूह और पंचायती राज संस्थानों के प्रतिनिधि, विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों से आए अध्यापकों एवं छात्रों और अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।









